गिरिडीह । गुरुवार को गिरिडीह एसपी ने प्रेसवार्ता का आयोजन कर बताया कि । प्रतिबिम्ब पोटल के माध्यम से सूचना मिली थी कि अहिल्यापुर गांडेय, बेंगाबाद थाना क्षेत्र में कुछ साइबर अपराधी सक्रिय है और लगातार साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दे रहे हैं । जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक साइबर संदीप सुमन के नेतृत्व में एक टीम गठित कर कार्यवाई के आदेश दिए । इसके बाद गठित टीम के द्वारा छापेमारी अभियान चलाया गया जिसमे कुल 12 साइबर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की । इस मामले में साईबर थाना कांड सं0-37/2023 दर्ज किया गया है।

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम एंव पता निम्न प्रकार है : पवन कुमार राणा, उम्र लगभग 19 वर्ष, कोलडीह, थाना-अहिल्यापुर, गिरिडीह, मो० शामसाद अंसारी, उम्र लगभग 20 वर्ष सा०- भरकुण्डा, थाना- गाण्डेय, सजाद अंसारी उम्र लगभग 18 वर्ष सा०-भरकुण्डा, थाना-गाण्डेय, सलामत अंसारी उम्र लगभग 25 वर्ष, सा०- कुलजारी, थाना-गाण्डेय, संच्चिदानंद कुमार मंडल, उम्र लगभग 19 वर्ष,सा०-झिलुआ, थाना-बुढई जिला-देवघर, दीपक वर्मा, उम्र लगभग 20 वर्ष, सा०- झुरीकुआं, थाना-खरगुपुर, जिला-गोंडा (उ०प्र०), नितेश कुमार, उम्र लगभग 20 वर्ष, सा०-महदैया, थाना-बेंगाबाद, पंकज कुमार मंडल, उम्र लगभग 26 वर्ष, सा०-महदैया, थाना- बेंगाबाद, मुकेश मंडल, उम्र लगभग 30 वर्ष, सा०- पिपरासिंघा, थाना- अहिल्यापुर, निर्मल कुमार मंडल, उम्र लगभग 29 वर्ष, सा०-रकसकुट्टो, रूपेश मंडल, उम्र लगभग 22 वर्ष, सा०- अहिल्यापुर मोड, मंडल, उम्र लगभग 17 वर्ष सा०-झितरी, थाना-ताराटांड निवासी गिरफ्तार किए गए है ।

इनके पास से मोबाइल फोन सेट -19, सिम- 33, ए0टी0एम0- 01, मोटर साइकिल- 05, नगद 2 लाख 19 हजार रु. बरामद हुए है । गिरफ्तार अभियुक्तो ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि वे साइबर ठगी करने हेतु गर्भवती महिलाओं के मो० नं० पर कॉल कर उन्हें मातृत्व लाभ दिलाने का झांसा देकर रिमोर्ट एक्सेस ऐप-Alpemix/Any Desk/Team viewer आदि का लिंक भेजकर इंस्टॉल करवा कर ठगी करते है। एयरटेल पेमेन्ट बैंक के मित्रा एप्प के माध्यम से लोगो के ई वालेट का नम्बर प्राप्त कर उन्हे कॉल कर उनके साथ पैसो की ठगी करते है। साथ ही अभियुक्तो द्वारा यह भी बताया गया कि ये लोग रैंडम नम्बरों पर सीरियल कॉलिंग कर बैंक के फर्जी अधिकारी बनकर लोगो को झाँसे में लेकर OTP/PASSWORD प्राप्त कर उनसे पैसे ठगी करते है। ये साइबर ठगी करने हेतु डाटा उपलब्ध करवाने वाली कम्पनीयों से साठ-गाठ कर आम नागरिकों के नाम, पता, मोबाइल नम्बर आदि से संबंधित डाटा एवं लिंक प्राप्त कर साइबर अपराध स्वयं करते है एवं अपने अन्य साथियों को डाटा एवं लिंक उपलब्ध करा कर साइबर अपराध का गिरोह चलाते है।

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