कृष्णा प्रसाद
मिहिजाम । देश देश हित उद्योग हित और श्रमिक हित का भारतीय रेलवे मजदूर संगठन अपने स्थापना काल से ही अनुसरण करते आ रही है।भारतीय मजदूर रेलवे संघ, बीएमएस श्रमिकों के हितों को लेकर दोहरी नीति कभी नहीं अपनाई है। बीआरएमएस शुरू से ही निजीकरण, आउट सोरेशिंग और नई पेंशन नीति का विरोध करती आ रही है। उक्त बाते चितरंजन रेल इंजन कारखाना कर्मचारी संघ की 51वा वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर चिरेका के नॉर्थ स्थित सभागार में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे भारतीय रेलवे मजदूर संघ के राष्ट्रीय कार्यालय सचिव डीके चक्रवर्ती ने कहा। उन्होंने कहा कि जिन श्रमिक संगठनों ने सरकार के साथ एनपीएस पर हस्ताक्षर कर इसे पारित किया था। आज वही एनपीएस का विरोध कर श्रमिकों को ठगने का काम कर रहे हैं।

जबकि, बीआरएमएस कभी भी श्रमिकों को लेकर दोहरी नीति नहीं अपनाई है। इसी का परिणाम है कि भारतीय रेलवे मजदूर संघ और भारतीय मजदूर संघ देश ही नहीं बल्कि विश्व में श्रमिकों के हिसाब से सदस्यों की सबसे ज्यादा संख्या वाली श्रमिक संगठन है। उन्होंने कहा कि भारत में होने वाले जी-20 और इसके तहत होने वाले एल-20 की मेजबानी कर रही है। इसमें भारतीय रेल मजदूर संघ प्रमुख भूमिका अदा करेगी इस मंच से बीआरएमएस एक ऐतिहासिक श्रमिको की हित के लिए रूपरेखा तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगी।

इससे देश के ही श्रमिकों के हितों की रक्षा नहीं होगी। बल्कि विश्वभर के मजदूरों को हक दिलाने में मददगार साबित होंगे। मौके पर भारतीय मजदूर संघ के विशेष आमंत्रित सदस्य एमपी वर्मा ने चितरंजन रेल इंजन कारखाना में श्रमिकों की नई बहाली नहीं होने एवं स्थानीय समस्या पेयजल, कर्मचारियों की कमी के कारण चिरेका कर्मी पर अतिरिक काम का बोझ आदि विषयों को लेकर बात की।

बीआरएमएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्ण मुरारी पांडे ने भारत में होने वाले एल20 संगठन में बीआरएमएस की जोरदार भूमिका को लेकर श्रमिक सदस्यों से आह्वान किया कि सभी मिलकर इसमें एक कारगर मिशाल पेश करेंगे। मौके पर भानु प्रताप पाठक, सुरेश कुमार, आशीष मुखर्जी, उत्तम मिश्रा, अमरेंद्र कुमार सिन्हा, रंजीत कुमार, संजीव कुमार,दिनेश पाठक, राजेश कुमार वर्मा, अमित शाह,सुजीत बनर्जी, अवधेश सिंह आदि बीआरएमएस के सदस्य मौजूद थे।

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