निशिकान्त मिस्त्री
जामताड़ा । पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्गियारी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर जामताड़ा साईबर थाना इंस्पेक्टर सह प्रभारी अजय कुमार पंजिकार एवं इंस्पेक्टर अनिल कुमार नायक तथा अन्य पुलिसकर्मी को शामिल करते हुए जामताड़ा थाना अंतर्गत ग्राम मोहड़ा एवं शहरपूरा तथा करमाटांड़ थाना अंतर्गत ग्राम सुखलटांड में साइबर अपराधियों के विरुद्ध छापेमारी की गई।जिसमें घटनास्थल से जलालुद्दीन अंसारी उम्र 23 वर्ष , ग्राम मोहडा, अब्दुल आजीद अंसारी उम्र 23 वर्ष , ग्राम शहरपुरा थाना जामताड़ा, विकी दास उम्र 19 वर्ष ग्राम सुखलटांड थाना करमाटांड़ तीनों जिला जामताड़ा के रहने वाले हैं जो गिरफ्तार किए गए हैं।
वही अकबर अंसारी ग्राम मोहडा एवं सोनू मंडल ग्राम सुखलटांड दोनों भागने में सफल रहे ।उक्त विषय की जानकारी साइबर थाना प्रभारी अजय कुमार पंजिकार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया,आगे उन्होंने कहा कि इन सभी के विरुद्ध थाने में कांड दर्ज कर लिया गया है। इन गिरफ्तार अभियुक्तों के पास पुलिस ने 8 मोबाइल, 15 सिम कार्ड , एक एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं।आगे उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त की अपराध शैली कैसे लोग लोगों को ठगी करते थे, इस बारे में थाना प्रभारी ने बताया कि जिलाउद्दीन अंसारी क्रेडिट कार्ड से संबंधित ठगी करते हैं करते थे एवं बताया कि एसबीआई कार्ड पोर्टल पर जाकर कोई मोबाइल नंबर डालकर लोगों को ओटीपी भेजते हैं ।
इसके बाद उक्त मोबाइल धारक को कॉल कर क्रेडिट कार्ड चालू करने की बात कहकर कार्ड डिटेल्स सीवीवी नंबर एक्सपायरी नंबर मांग लेते हैं। इसके बाद पेटीएम वॉलेट के फास्ट एज में अकाउंट क्रेडिट कार्ड डिटेल डालते हैं। इसके बाद कार्ड होल्डर से ओटीपी का मांग करते हैं। उक्त ट्रांजैक्शन की राशि वेकल मालिक अकबर अंसारी द्वारा कमीशन देकर प्राप्त कर लिया जाता है। दूसरे व्यक्ति विक्की दास फोन वैलिड बंद करने का मैसेज भेजकर व ठगी करती थी अभी तक उन्होंने 300 लोगों को मैसेज भेज चुका है।
जिसमें कुछ लोगों ने कुछ लोग फोन चालू रखने के लिए कॉल बैक करते हैं तो उन्हें ऑफर का मैसेज भेजते हैं एवं एक्सेप्ट करने का झांसा देकर लिंक के माध्यम से ऑफर की राशि पर करने बोलते हैं पे करने का ऑफर की राशि इनके वॉलेट में चला जाता है ।जिससे अन्य वॉलेट पर भेजकर निकासी कर लिया जाता है । तीसरा अब्दुल आजीद अंसारी का बिजली का दुकान चलाते हैं साथ ही सीएसपी केंद्र का संचालक भी है। इसके माध्यम से साइबर अपराधियों का ठगी की गई राशि का निकासी एवं खपाने में सहयोग करते हैं एवं उक्त कार्य के लिए फर्जी सिम एवं मोबाइल का उपयोग करते थे।
