निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । जिले में लगातार हो रही बारिश से जामताड़ा से चितरा देवघर जाने वाली दक्षिण बहाल का पुल आज टूट गया। पुल टूटने से सैकड़ो गांव के लोगों का यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। समाहरणालय, सदर अस्पताल, केंद्रीय विद्यालय, आई आई टी और जामताड़ा बाजार आने के लिए दक्षिण बहाल व अन्य गांवों के लोगों को अब आधा किलोमीटर की जगह 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। पुल के टूटने से छात्र-छात्राओं का शिक्षा प्रभावित हो गया है। छात्र-छात्राओं को स्कूल कॉलेज जाने में काफी परेशानी हो रही है। वहीं दिहाड़ी मजदूरों की समस्या बढ़ गई है। प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में इस क्षेत्र के लोग दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए जामताड़ा शहर जाते थे। सूचना पाकर प्रशासन भी मौके पर पहुंचे हैं और लोगों को क्षतिग्रस्त पुल के समीप जाने से रोक रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग किया है कि जल्द से जल्द इसका कोई वैकल्पिक व्यवस्था किया जाए ताकि इस क्षेत्र के सैकड़ो गांव के लोगों को जिला मुख्यालय जाने में सहूलियत हो सके। वही लोगों ने नए पुल निर्माण का भी सरकार और जिला प्रशासन से मांग किया है। बता दे की बीते 15 दिन पूर्व दक्षिण बहाल पुल का पांच पिलर अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ के पानी में क्षतिग्रस्त हो गया था। तब प्रशासन ने चार पहिया और भारी वाहनों का परिचालक बैरियर लगाकर बाधित कर दिया था। सिर्फ दो पहिया वाहन का परिचालन हो रहा था।
मंगलवार की सुबह पुल टूटते ही दो पहिया वाहन का परिचालन और पैदल यातायात भी पूरी तरह से बाधित हो गया है। इस पुल से प्रतिदिन हजारों की संख्या में दो पहिया वाहन से लेकर भारी वाहनों का परिचालन होता था। यह पुल जिला मुख्यालय का लाइफ लाइन पुल है। जामताड़ा और देवघर को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण पुल था। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग किया है कि जल्द से जल्द इसका कोई वैकल्पिक व्यवस्था किया जाए ताकि इस क्षेत्र के सैकड़ो गांव के लोगों को जिला मुख्यालय जाने में सहूलियत हो सके। वही लोगों ने नए पुल निर्माण का भी सरकार और जिला प्रशासन से मांग किया है। वही क्षतिग्रस्त पुल को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुट गई है। सूचना पाकर प्रशासन भी मौके पर पहुंचे हैं और लोगों को क्षतिग्रस्त पुल के समीप जाने से रोक रहे हैं। नदी में तेज पानी का वहाब है। अगर कोई व्यक्ति किसी तरह पानी में गिरता है तो जल माल की क्षति भी हो सकता है।
