निशिकांत मिस्त्री की खास रिपोर्ट :
जामताड़ा । आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश में आजादी के अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं झारखण्ड को राज्य का दर्जा प्राप्त हुवे लगभग 24 वर्ष होने को है। आजादी के इतने वर्ष बीतने के बाद भी यदि कोई गांव में मूलभूत सुविधाओं का आभाव हो तो विकास की दावा करने वाले जनप्रतिनिधियों को क्या कहा जाय? बात करते हैं जामताड़ा सदर प्रखंड के चन्द्रधिपा पंचायत अंतर्गत गोवाकोला गांव के आदिमजाति की, पहाड़िया टोला के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस पहाड़िया टोला गांव में सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजना तो पहुंची है, लेकिन कोई भी योजना धरातल पर नही उतरी है। पाहाड़ी पर गुजर बसर करने वाले ये आदिमजाति समुदाय से आते हैं, यहां सवाल उठता है कि क्या सरकार इनलोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।

चन्द्रधिपा पंचायत समिति प्रतिनिधि हरि पुजहर बताते हैं कि चार वर्ष पूर्व जामताड़ा पी एच ई डी विभग के द्वारा पेयजल के लिए पानी की टंकी बनाई गई पर उसका लाभ नही मिल रहा है क्योंकि आज तक पानी टंकी पूर्ण नही हुआ। आज भी इस टोला में आने जाने को लेकर कोई पक्की सड़क नही है। कच्ची पगडंडी के सहारे यहां के लोग अपने जीवन की रोजमर्रा की काम तो कर लेते हैं, लेकिन वर्षा के दिनों में यदि कोई ग्रामीण बीमार हो जाये या कोई महिला गर्वती है और अस्पताल जाने की नौबत आती है तो इस गांव में एम्बुलेंस या अन्य कोई भी चार पहिया वाहन नही पहुंच पाती है। तब यहां के लोग खाट में उठाकर मरीजों को लगभग एक किलोमीटर तक लेजाने के लिए विवश होते हैं। यह लोग आदिमजाति के हैं जिसे यहाँ पहाड़िया भी कहते हैं। पहाड़िया यहाँ की ग्रामीण है जो सरकार से मांग की है कि मूलभूत सुविधाएं कम से कम हमलोगों को सरकार दें। शहरों के लोगों के लिए सरकार तो चकाचौंध भारी जीवन शैली के लिए हजारों करोड़ खर्च कर रही है, लेकिन हमलोगों पर भी सरकार को ध्यान रखना की आवश्यकता है। पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य जैसे सुविधाओं को सरकार द्वारा उपलब्ध कराने की मांग करते हैं।

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