निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । झारखण्ड सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा 2024 में माध्यमिक और इंटरमीडिएट परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक पर करवाई करने को लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया था। जिसके बाद जामताड़ा जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण झा ने 39 हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापको का दो माह का वेतन रोक कर करवाई कर दी। कारवाई से तिलमिलाए प्रधानाध्यापको ने झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिखक संघ बैनर तले एक बैठक कर निर्णय लिया और सभी प्रधानाध्यापक ने सामूहिक रूप से प्रभारी प्रधानाध्यापक पद से मुक्त करने को लेकर संघ के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में जिला शिक्षा पदाधिकारी को पद मुक्त करने को लेकर आवेदन दिया है।
वहीं मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष सह प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेश कुमार यादव ने बताया कि माध्यमिक और इंटरमीडिएट परीक्षा में बहुत ज्यादा खराब रिजल्ट नही हुआ। वावजूद इसके 39 हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापको पर आर्थिक रूप से कारवाई की है। जिले के 39 विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन स्थगित किया गया है जो खेद का विषय हैं। पार्विक माध्यमिक परीक्षा 2024 एवम Annual Intermediate परीक्षा 2024 में जिला औसत result से कमतर प्रदर्शन करने वाले कुल 39 विद्यालयों के पास अपना-अपना याजिम कारण है जिसकी व्याख्या विभाग की समीक्षा बैठक में की गई है बावजूद जबरन पेतन बंद करना समझ से परे हैं।
संगठन स्तर पर भी कमतर रिजल्ट की समीक्षात्मक बैठक की गई थी जिसमें खराब रिजल्ट होने के पीछे निम्न कारणे सामने आये 1. विषयवार शिक्षकों का न होना, 2. कई विद्यालयों में TGT शिक्षकों का न होनां, 3. विभाग द्वारा विषयवार शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण में भेजना जिसमें कई-कई दिनों तक कक्षाओं का न होना, 4. NGO के द्वारा कक्षा स्थगित करवाकर उनके प्रोग्राम को संचालित करना, 5. विभाग द्वारा वोटर कार्ड निर्माण हेतु एक-एक महीना तक गाँव-गाँव तक शिक्षकों भेजना जिसमें कक्षाए बुरी तरह प्रभावित हुई, 6. गुरुजी क्रेडिट कार्ड, सावित्रीयाई फूले किशोरी योजना, छात्रवृत्रि, साईकिल आदि योजनाओं को सफल करवाने हेतु विद्यालय प्रधानाध्यापक सह दो-दो शिक्षकों का उसमें लगा रहना जिसमें पढ़ाई प्रभावित हुई, 7. जैक द्वारा 20 दिन पहले ही परीक्षा ले लेना जिससे पाठ्यक्रम पूरा ही नहीं हुआ, 8. बच्चों का नियमित विद्यालय न आना और 50% से भी कम उपस्थित होना परंतु लोकल दयाय के कारण उनका Form Fillup होना।
विभाग के सभी कार्यों का सम्पादित करने वाले बिना अतिरिक्त वित्तीय लाभ लिए बिना कार्य करने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापकगण व्यथित होकर अपने प्रभारी पद से सामुहिक त्यागपत्र का आवेदन संगठन के माध्यम से प्रस्तुत की है जिसे स्वीकार कर उन सभी को प्रभारमुक्त कर उन सभी को घोर निराशा और मानसिक तनाव से मुक्त की जाए। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉक्टर गोपाल कृष्ण झा ने कहा की विभाग की ओर से सख्त आदेश आई थी कि जो भी विद्यालय में छात्रों का रिजल्ट खराब हुवा है। उन विद्यायल के प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन बंद करें। जिसके आदेश के आलोक में कारवाई हुई है। जिसके बाद जिले के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने सामुहिक रूप से पद मुक्त करने का आवेदन दिए हैं। लेकिन हमलोग सभी प्रधानाध्यापक से बात कर रहे हैं, उनलोगों को आश्वासन दे रहे हैं विभाग से बात कर उचित मार्ग निकाला जायेगा।
