निशिकांत मिस्त्री

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा शशि भूषण मेहरा की अध्यक्षता में आज एसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का हुआ आयोजन

जामताड़ा । उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी जामताड़ा शशि भूषण मेहरा की अध्यक्षता में एसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में शिक्षा के क्षेत्र में लोक भागीदारी और उनकी भूमिका के तहत जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम का उपायुक्त, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर विधिवत शुभारंभ किया गया। इस मौके पर उपायुक्त सहित उपस्थिति अन्य को पौधा देकर सम्मानित किया गया। आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपायुक्त शशि भूषण मेहरा ने कहा कि बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है शिक्षा, यह मनुष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले।

विद्यालयों में शिक्षा को बेहतर बनाने में मुखिया एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका है। गांव में सरकारी विद्यालय में शिक्षा विभाग और पंचायत प्रतिनिधि मिलकर कार्य करें, तभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने में सफल होंगे। उपायुक्त ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमे बहुत सिखलाया, निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर रहे, पहले शिकार करते थे, फिर कृषि से जुड़े धीरे धीरे सभ्यताएं विकसित होती चली गई। शिक्षा ही मनुष्य को बदल सकता है, आप गांव के स्कूल के प्रबंधन, शिक्षा, विकास, साफ सफाई पर जोर दीजिए, पेड़ पौधे लगवाइए, विद्यालय में जाकर देखिए कि शिक्षक समय से आ रहे हैं की नहीं, कक्षा संचालन हो रहा है, शिक्षक पढ़ा रहे हैं कि नहीं, शिक्षकों को समझाइए कि बच्चों को अच्छी शिक्षा दें।

उपायुक्त ने कहा कि शिक्षित पंचायत बनाने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य करिए आपके अच्छे कामों से आने वाली पीढ़ियों को फायदा मिलेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय में जाइए, बच्चों की उपस्थिति को देखें, अगर बच्चे कम आ रहे हैं, वजह को देखें और अभिभावकों को समझाएं।

उन्होंने कहा कि बच्चों की कम उपस्थिति को लेकर यह ध्यान देना आवश्यक है कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा या बच्चे की बाल तस्करी नहीं हो रही है। इसके अलावा परिजनों या फिर किसी अन्य के द्वारा बाल मजदूरी नहीं करवाई जा रही हो। उपायुक्त ने कहा कि गांव की सबसे बड़ी समस्या बाल विवाह है, कम उम्र में लड़कियों की शादी होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह पर रोक लगाएं, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का विवाह नहीं हो यह सुनिश्चित करें।

सम्मेलन के दौरान शिशु पंजी अद्यतीकरण, नामांकन, पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्य एवं दायित्व, विद्यालय में बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन एवं ठहराव, शून्य ड्रॉप आउट, विद्यालय विकास में सहयोग समेत अन्य बातों पर चर्चा की गई। इस मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी बनकर अजिंक्य देवीदास, जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण झा, जिला शिक्षा अधीक्षक दीपक राम, एडीपीओ संजय कापड़ी, एपीओ उज्जवल कुमार मिश्र सहित विभिन्न पंचायतों के मुखिया एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।

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