विष्णुगढ़ भुताही मुरगाँव निवासी कवि सुशांत कुमार पाठक, अपनी रचनाओं के माध्यम से अपना और अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं। हिंदी काव्य में अपनी रचनाओं के बूते इन्हें भामाशाह साहित्य सम्मान, साहित्योदय साहित्य सम्मान, साहित्योदय काव्य रत्न सम्मान, कलम सारथी सम्मान, काव्य वर्षा रत्न सम्मान, काव्य विभूति सम्मान मिल चुका है। इनकी कविताओं का प्रसारण हजारीबाग आकाशवाणी से भी किया जा चुका है । हिंदी काव्य में रुचि इन्हें विरासत में प्राप्त हुई, इनके पिता श्री अक्षयवट नारायण पाठक और अग्रज भ्राता सुबोध नारायण पाठक भी काव्य रचना करते हैं, परंतु इन्हें काव्य रचना के लिए प्रेरित करने का श्रेय श्री वासुदेव रवानी जी को जाता है, इसके बाद इन्होंने छंद लेखन का ज्ञान श्री रविकर गुप्ता जी एवं गीत लेखन की विधा उत्तर प्रदेश के श्री ओम नारायण सक्सेना जी से सीखा।
इनकी प्रमुख साझा काव्य संग्रह:- काव्य सागर ,जन रामायण , कोरोना काल , काव्य मयूरी
प्रमुख साझा काव्य पत्रिकाएं:- काव्य मंजरी, नव उदय
प्रमुख रचनाएं:- बासंती गीत, 23 मार्च, तिरंगा, प्रणय गीत ,मोह लेता है मुझे ,हमारी आन है हिंदी इत्यादि हैं
