गिरफ्तारी नहीं हुई तो 8 मई को टाटी झरिया थाना का घेराव करेगें ग्रामीण

रामावतार स्वर्णकार
इचाक । थाना क्षेत्र के लुंदरू गांव निवासी समाजसेवी महावीर कुशवाहा के संदेहास्पद मौत के 20 दिन बाद भी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने और टाटीझरिया पुलिस की सुस्त कार्रवाई से अक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को लुंदरू देवी मण्डप के प्रांगण में एक बैठक की । जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत शिक्षक बालेश्वर कुशवाहा और संचालन गिरधारी प्रसाद कुशवाहा ने किया। बैठक में जिप अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता, पूर्व विधायक जानकी प्रसाद यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता बटेश्वर मेहता, सांसद प्रतिनिधि सुनिल कुमार मेहता, भागवत मेहता, पूर्व मुखिया सुनिल मेहता, महेन्द्र कुमार दास समेत कई दिग्गज समाजसेवी और जन प्रतिनिधि शामिल हुए। और 12 अप्रैल को महावीर कुशवाहा के हुए संदिग्ध मौत और घटना में टाटी झरिया पुलिस की सुस्त कार्रवाई से चिंता जाहिर किया।

इस दौरान बालेश्वर कुशवाहा ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि 11 अप्रैल की शाम को महावीर कुशवाहा प्रतिदिन की भांति अपनी बाइक से कहीं निकले थे। 12 अप्रैल की अहले सुबह उनका शव उनके आवास से महज दो किमी दूर टाटी झरिया थाना क्षेत्र के खैरा गांव में सड़क किनारे संदिग्ध अवस्था में मिला था। घटना को लेकर परिजनों ने महावीर कुशवाहा की हत्या का मामला दर्ज करते हुए तीन लोगों को नामजद आरोपी बनाया था। लेकिन घटना के इतने दिनों बाद न आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और न ही टाटी झरिया पुलिस मामले में कोई दिलचस्पी दिखा रहीं हैं। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि अगर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आगामी 8 मई को एक विशाल जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी।

जिसमे जन प्रतिनिधि और समाज सेवी सहित हजारों ग्रामीण टाटी झरिया थाना के समक्ष प्रदर्शन को बाध्य होंगे। बैठक में आदर्श युवा संगठन ने गौतम कुमार, पंसस प्रतिनिधि मनोज यादव, बबल सिंह, अमृत महतो, उमेश प्रसाद कुशवाहा, अजीम मियां, मो अख्तर, मो शाहिद, मो शमीम, उपेंद्र प्रजापति, नरेश साव लखन प्रसाद, महेश यादव समेत लुंदरू, बसरिया, खैरा, देवकुली के सैकड़ो ग्रामीण मौजुद थे।

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