निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । आज झारखंड में नियोजन नीति, स्थानीयता और नौकरी के सवाल पर झारखंड के बच्चे अपने भविष्य के लिए सड़कों में उतर कर जिस तरह विरोध कर रहे हैं उससे स्पष्ट हो रहा है कि सरकार इन 3 सालों में किस दिशा में चल रही है। हेमन्त सरकार जिसने हर साल नोजवानों को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने के वादों के साथ सत्ता में आई थी, उसी ने इन नौजवानों के मंसूबे की हत्या करने का प्रयास किया है। जिन नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात हुई थी ,आज उनकी शरीर में डंडे बरसाए जा रहे हैं। बच्चियों की निर्मम हत्या हुई है, कानून व्यवस्था पूरी तरीका से फेल हो चुकी है।

उद्योग धंधे चौपट हो चुके हैं, जहां सरकार झारखंड को 24 घंटे बिजली देने के वादे कर रही थी, आज उसी प्रांत सिर्फ सात आठ घंटे बिजली मिल रही है। झारखंड में जिस तरह अपराधिक गतिविधियां बढ़ी है उससे कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। अगर हम झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता करें, तो झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीका से कोमा में चला गया है। अस्पतालों में ना डॉक्टर की सुविधा है और ना ही लोगों को दवाई मिल रही है, सिर्फ इस झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था सरकार नहीं, सिर्फ ईश्वर की दुआ के बदौलत चल रही है। चारों ओर आराजकता और भ्रष्टाचार का बोल वाला है।

स्वास्थ्य बिजली और विकास तीनों चीजों की व्यवस्था झारखंड में चौपट हो गई है, सरकार विज्ञापनों के माध्यम से अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए व्यस्त है और जनता पस्त है ।झारखंड में रहने वाले मूलवासी आदिवासी आज घुटन सी महसूस कर रही है, जिस मूलभूत समस्याओं को लेकर के यहां की जनता ने इस सरकार को जो अपना समर्थन दिया है, आज वह समस्याएं झारखंड में पूरी तरीका से विराजमान है, आने वाले समय में हेमन्त सरकार को अपनी करनी का फल भोगना पड़ेगा। 12 जनवरी को युवा दिवस के मौके पर झारखंड में पंचायत और गांव स्तर तक सुदेश महतो के नेतृत्व में जन जागरण अभियान के माध्यम से इन विषयों को लोगों तक पहुंचाने का कार्य पार्टी करेगी। इस मौके पर कार्यकारी जिलाध्यक्ष निमाई चंद्र सेन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश पंडित, रमेश रावत, नवीन वतस, मिथुन मंडल, राजू मिर्धा ,साजिद अंसारी जगत हारी मौजूद थे।

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