रामावतार स्वर्णकार
इचाक । प्रखंड के परासी स्थित वर्षों पुराना ऐतिहासिक कोठी बंशीधर मंदिर में सनातन धर्म प्रेमियों द्वारा शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया गया। बंशीधर में सुबह से ही भजन की धुन से क्षेत्र गुंजायमान रहा। राधे राधे, जय श्री कृष्ण, मैया यशोदा जैसे भक्ति गीत पर रात भर भक्तगण श्री कृष्ण की भक्ति में डूबे रहे तथा भजन कीर्तन के द्वारा श्रद्धालुओं ने कृष्ण लल्ला को याद किया। सर्वप्रथम मंदिर में स्थापित राधा – कृष्ण, राम – सीता, लक्ष्मी नारायण, सूर्यदेव की प्रतिमा पर पूजा अर्चना करते हुए संध्या आरती के बाद भोग प्रसाद का वितरण किया गया।

लोगो ने मध्य रात्रि का बेसबरी से इंतजार करते हुए श्री कृष्ण लल्ला का भव्य स्वागत किया। बताते चलें कि राजकाल से ही बंशीधर मंदिर से लोगो का आस्था जुड़ा हुआ है। जब सन 1768 ईसवी में अंग्रेजों और देसी रियासतों के बीच विवाद चल रहा था और रामगढ़ कभी भी इस खतरे का शिकार हो सकता था, उस समय महाराज मुकुंद सिंह सुरक्षित स्थान की खोज में निकले थे। तभी महाराज को इचाक में बंशी बजने की धुन सुनाई पड़ी थी और उस धुन की आवाज के तरफ बढ़ते गए। इधर-उधर देखने पर उन्हें श्री बंशीधर की एक मूर्ति दिखाई दी। 1768 में बंशीधर का नींव पड़ा।

बंशीधर मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा करके राजा मुकुंद सिंह कृष्ण लल्ला के प्रति जागृत हुए थे। उसके बाद से ही बंशीधर कोठी में प्रत्येक वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी का भव्य स्वरूप देखने को मिलता है। इस मंदिर में कई श्रद्धालु अपनी मन्नतें मांगने आते हैं, तथा उपवास रखकर महिलाएं संध्या को मंदिर परिसर पहुंचकर विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करती हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर को पंडाल, लाइट, फूलो – पतियों से सुसज्जित किया गया। पंडित सूरज तिवारी द्वारा पूजा अर्चना करते हुए पूरे क्षेत्र की खुशहाली और सर्वांगीण विकास की मनोकामना की गई।

इधर देर रात तक मंदिर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कमेटी के लोग और इचाक पुलिस तत्पर दिखे। पूजा को सफल बनाने में कमेटी के विधायक प्रतिनिधि सच्चिदानंद अग्रवाल, भोला भगत, मुकेश केसरी, गोविंद केसरी, मोहन केसरी, बिट्टू सिन्हा, मुकेश रजक, टिंकू गुप्ता, आशीष सोनी, राजेश अग्रवाल, शनी कुमार समेत कई लोगो का योगदान रहा।

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