धनबाद । राज्य के बड़े अस्पतालों में शुमार SNMMCH के चिकित्सकों तथा स्वास्थ्य कर्मियों पर एक बार फिर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा। सड़क दुर्घटना में घायल मरीज की मौत के बाद गुरुवार की अहले सुबह उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया।

यह है मामला : बुधवार की देर रात सड़क दुर्घटना में घायल बलियापुर निवासी निमाई कालिंदी शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था। जहां देर रात मौजूद चिकित्सकों ने व पारा मेडिकल कर्मियों ने मरहम-पट्टी कर उसे वार्ड में भेज दिया। मरीज के परिजन को चिकित्सक द्वारा लिखें दवा को खरीद कर लाने को कहा गया। परिजन आनन-फानन में दुकान से दवा खरीद कर लाए। जिसे उन लोगों ने ड्यूटी पर तैनात नर्स को दिया। परंतु वहां मौजूद नर्स ने मरीज को सुबह दवा देने की बात कही। इस पर परिजन ने वहां मौजूद दूसरी नर्स से संपर्क किया तो उसने उसी वक़्त दवा देने को कहा। लेकिन इस ऊहा-पोह की स्थिति में मरीज को दवा नही दी गयी। जिसके बाद अहले सुबह मरीज की मौत हो गयी।

वही, मरीज की मौत के बाद परिजन वार्ड में ही हो-हल्ला करते हुए हंगामा किया। इस दौरान परिजनों ने वहां मौजूद व्यवस्था के खिलाफ इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। परिजन ने बताया कि एसएनएमएमसीएच में मरीजों के प्रति ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक व नर्स पूरी तरह लापरवाही बरतते हैं। जिससे मरीजों की असमय मृत्यु हो जाती है।
जबकि इस हंगामे के बीच उसी वार्ड में इलाजरत एक अन्य मरीज ने बताया कि वह धनबाद नगर निगम का कर्मचारी है। वह पिछले 2 दिनों से भर्ती है। लेकिन कोई भी चिकित्सक उसे देखने तक नहीं आये। ऐसे में यहां इलाज की क्या व्यवस्था है, यह अंदाजा लगाना मुश्किल नही है।

अब सवाल उठना लाज़मी है कि इतने बड़े अस्पताल में चिकित्सक समय पर मरीजों की सुध क्यों नहीं लेते? हालांकि आपातकालीन वार्ड में प्रतिनियुक्त जूनियर डॉक्टर अपनी ड्यूटी बखूबी करते हैं। लेकिन शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पदस्थापित सीनियर डॉक्टर दोपहर के बाद से नदारद रहते हैं। जो सुबह में 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही नजर आते हैं।

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