रामावतार स्वर्णकार
इचाक: जिला मुख्यालय से लगभग 14 किमी दूर प्रखंड के बहुचर्चित बुढ़िया माता मंदिर में पारंपरिक श्रावणी मेला का आयोजन गुरुवार को होगा। मेले की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। मेले में तारामाची, ब्रेक डांस झूला, ड्रैगन झूला, नौका झूला, जंपिंग झूला, वाटर बोट समेत कई प्रकार के झूले लगाए गए हैं, वहीं मीना बाजार पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। बताते चलें कि वर्षों से अयोजित किए जाने वाले इस मेले में इचाक प्रखंड के आलावा हजारीबाग, कटकमसांडी, दारु, बड़कागांव समेत कई प्रखंड के हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन करने आते हैं।

पारिवारिक मिलन का केंद्र है बुढ़िया माता मंदिर में मेले का आयोजन

प्रत्येक वर्ष के सावन पूर्णिमा को बुढ़िया माता मंदिर में लगनेवाले मेले का ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा महत्व है। यह मेला न केवल लोगों के लिए मनोरंजन का केंद्र है, बल्कि यह पारिवारिक मिलन के लिए भी जाना जाता है। यहां नवविवाहिता अपने ससुराल से अपने भाई को राखी बांधने, मां पिता और अन्य परिजनों से। मिलने आती है। कई बार नए रिश्तों नातों का गवाह भी यह श्रावणी मेला बन जाता है।

बुढ़िया माता मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य अधूरा, भव्य मंदिर का दर्शन नही कर पाएंगे श्रद्धालु

विगत एक वर्ष से जारी बुढ़िया माता मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष सुरेश केशरी सचिव अशोक मेहता, उपाध्यक्ष उदय भगत, कोषाध्यक्ष सदस्य किशोर मेहता, राजेंद्र मेहता, लीलो मेहता, गोविंद मेहता समेत कई लोग मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को जल्द पूरा करने में दिन रात लगे हैं। कार्य को श्रावणी मेला तक पूरा हो जानें का उम्मीद लगाया गया था। लेकिन अभी तक सिर्फ गुम्बद ही बन पाया है। बुढ़िया माता मंदिर कमिटी के अध्यक्ष समाजसेवी सुरेश केशरी ने बताया कि अबतक मंदिर का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। आनेवाले कुछ महीनो में काम पूरा हो जाएगा। श्रद्धालु अगले श्रावणी मेला में मंदिर का भव्य रूप का अवलोकन कर पाएंगे।

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