निशिकान्त मिस्त्री
जामताड़ा । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष राधा रानी ने उठाया अपने पद का सम्मान न मिलने का मामला। जमीन पर बैठ कर अपना शांतिपूर्ण ढंग से विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि हम एक आदिवासी महिला हैं इसलिए मेरा संविधानिक अधिकारों का हनन जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी जो वर्तमान में मुख्यमंत्री जी शिलान्यास एवं उद्घाटन कर रहे हैं उस सिलापट में मेरा नाम नहीं है, जबकि यही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी 2014 में जब शिलान्यास एवं उद्घाटन किए थे तब जिला परिषद के प्रभारी अध्यक्ष आनंद लाल मरांडी का नाम सिलापट पर अंकित था।
जबकि मैं फुल प्लेज़ेंट अध्यक्ष हूं और मेरा नाम नहीं है। इस आशय की जानकारी पूर्व में ही मेरे द्वारा उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, पुलिस अधीक्षक को दे दी गई। परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई साथ ही पूर्व के अध्यक्ष को चुनाव जीतते ही वाहन उपलब्ध करा दिया गया, काउंटिंग हॉल में ही बॉडी गार्ड उपलब्ध करा दिया गया, जबकि हमें अभी तक ना ही वाहन उपलब्ध हुआ है और न हीं बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया गया और ना ही शिलापट में हमारा नाम दिया गया। इससे स्पष्ट है कि जिला प्रशासन द्वारा जानबूझकर हमें एक आदिवासी महिला होने के नाते हमारे संविधानिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
इसलिए हम शांतिपूर्ण ढंग से जमीन पर बैठकर विरोध किए हैं और अपनी बातों को मैंने मुख्यमंत्री जी के पास रखा है अगर हमारा संविधानिक अधिकारों का हनन किया जाएगा तो हम चुप बैठने वाले नहीं है ।
