निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । नगर पंचायत में इन दिनों अजीबोगरीब खेल देखने को मिल रहे हैं । सोमवार को नगर पंचायत कार्यालय के द्वारा जबरन फुटपाथ की दुकानदारों को उजाड़ा गया, बगैर सूचना दिए सड़क के किनारे से दुकानदारों की छुट्टी कर दी। शाम में जब विरोध हुआ तो रात में चुपचाप जाकर नोटिस चिपका दिया।
बस स्टैंड से लेकर सुभाष चौक तक चले इस अतिक्रमण हटाओ अभियान में फुटपाथ पर रोजी-रोटी कमाने वाले छोटे दुकानदारों को जबरन हटाया गया। टावर चौक पर स्थिति तब और बिगड़ गई जब ठेला और रेडी हटाने गए नगर पंचायत कर्मचारी दुकानदारों के विरोध के चलते मौके से भाग खड़े हुए। चार घंटे चले इस गतिरोध के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से जाम हटा तो जरूर, लेकिन नगर पंचायत की कार्यशैली पर लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ। स्थानीय दुकानदारों का आरोप है कि आज यानी मंगलवार सुबह दुकानदार जब अपनी जगह लौटे तो देखा कि वहां एक नोटिस चिपका हुआ है। सवाल उठता है कि जो नोटिस पहले दिया जाना चाहिए था, वह कार्रवाई के बाद क्यों चिपकाया गया? यह स्पष्ट है कि नगर पंचायत ने अपनी गलती छुपाने के लिए नोटिस की खानापूरी की है।
