झरिया । शिवरात्रि के पहले, कोयले से बने शिवलिंग, जिसे कोयलाश्वर के रूप में जाना जाता है, की पूजा केदारनाथ मंदिर (उत्तराखंड) के पुजारी श्री सुरेश बागवारी ने झरिया के हेटलीबांध में एक सामाजिक कार्यकर्ता के घर पर की। श्री बागवारी केदारनाथ पूजा की तरह कोयलाश्वर की पूजा करने के लिए छठी बार झरिया आए थे। शिवलिंग की तरह दिखने वाले इस कोयले से बने जीवाश्म की पहचान शिक्षक सह सामाजिक कार्यकर्ता पिनाकी रॉय ने 2015 में घनसाडीह कोलियरी (केंदुआ) में की थी। बाद में, श्री रॉय ने इसे शो पीस के रूप में ड्राइंग रूम में रख दिया था। 2016 में, श्री बागवारी केदारनाथ से रॉय के घर झरिया आए और उनसे पूजा घर में उस कोयले के जीवाश्म जैसे शिवलिंग को रखने का अनुरोध किया था। और उन्होंने केदारनाथ से वर्ष में एक बार ‘कोयलेश्वर भगवान’ की पूजा करने के लिए आने की सहमति दी थी।
कल देर शाम एक छोटे से कार्यक्रम में केदारनाथ पंडित द्वारा छठी बार कोयलाश्वर की पूजा की गई। पिनाकी रॉय ने कहा, “वर्ष 2016 में हमने केदारनाथ मंदिर के पुजारी की भावना का सम्मान किया और मेरे परिवार ने अन्य देवताओं की तरह कोयलाश्वर की पूजा करना शुरू कर दिया, अब हर पूर्णिमा को हम कोयले से बने शिवलिंग की पूजा करते हैं।”
इस मौके पर ‘केदारनाथ की कथा’ पर चर्चा में श्री बागवाड़ी ने केदारधाम के पंडितों की परंपराओं पर बात की, कहा,- “ जब सर्दियों के मौसम में केदार-मंदिर पूरी तरह बर्फ से ढक जाता था, कोई पूजा-पाठ नहीं होता था। तब कुछ पुजारी पहाड़ों से उतरकर मैदानी इलाकों और तटीय इलाकों में लोगों को केदारनाथ के बारे में बताने आते थे। पहले ये पुजारी पंडितों – ‘धर्मपुत्र’ के रूप में बुजुर्गों की जिम्मेदारी लेते थे और उन्हें अपने साथ बद्रीधाम ले जाकर दिखाते थे।
‘केदारनाथ की कथा’ पर चर्चा का नई पीढ़ी ने आनंद लिया।
कोयलाश्वर की इस पूजा में दीप्ति रॉय, श्रीमती मौसमी रॉय, नयन दत्ता, संजय पंडित, मिलन बनर्जी, सोनू निगम, श्रीमती रिंकू डे, काजल सेन, पल्लवी दत्ता, संदीप धीवर, चन्द्रशेखर, मनोदीप डे, रिधिमेश अग्रवाल, अर्पिता रॉय, राज लक्ष्मी सेन, तृषा रॉय, पलक दत्ता आदि उपस्थित थे।

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