झरिया । श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन झरिया अग्रवाल धर्मशाला नया भवन में कथा अमृत का रसपान श्रद्धालुओं ने किया। वृंदावन से झरिया पधारे स्वामी जय कृष्ण दास महाराज जी ने ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन भगवान शिव, ऋषभदेव एवं कर्दम ऋषि के प्रसंगो को सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव कल्याणकारी हैं। संसार के कल्याण के लिए विष कंठ में धारण किए है इसलिए इन्हें महादेव कहा जाता है। स्वामी जी ने कहा कि भगवान शिव और ऋषभदेव की वेशभूषा और चरित्र में लगभग समानता है। दोनों ही प्रथम कहे गए हैं अर्थात आदिदेव। दोनों को ही नाथों का नाथ आदिनाथ कहा जाता है। दोनों ही जटाधारी और दिगंबर हैं। दोनों के लिए ‘हर’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।दोनों ही कैलाशवासी हैं। ऋषभदेव ने कैलाश पर्वत पर ही तपस्या कर कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया था। दोनों के ही दो प्रमुख पुत्र थे। दोनों का ही संबंध नंदी बैल से है। ऋषभदेव का चरण चिन्ह बैल है। शिव, पार्वती के संग हैं तो ऋषभ भी पार्वत्य वृत्ती के हैं। दोनों की मान्यताओं में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी और चतुर्दशी का महत्व है। शिव चंद्रांकित है तो ऋषभ भी चंद्र जैसे मुखमंडल से सुशोभित है। स्वामी जय कृष्ण दास जी ने कहा कि भगवान विष्णु के 24 अवतारों का उल्लेख पुराणों में मिलता है। भगवान विष्णु ने ऋषभदेव के रूप में 8वां अवतार लिया था। कथा प्रसंग के दौरान सुमधुर भक्ति गीतों से श्रद्धालू भाव विभोर होते रहे। मौके पर प्रेम प्रकाश अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, महेंद्र अग्रवाल, ललित अग्रवाल, श्याम सुंदर अग्रवाल, अमित अग्रवाल, पिंटू अग्रवाल, सोनू अग्रवाल, कौशल अग्रवाल, अमित अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, आरव अग्रवाल, मनीष अग्रवाल दीपक अग्रवाल मौजूद रहे।
