झरिया । श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की भाग्य शुरुआत श्याम मंदिर के प्रागण में रविवार से हुई। ज्ञान यज्ञ की शुरुआत से पूर्व भव्य कलश यात्रा श्री श्याम मंदिर झरिया से सुबह नौ बजे निकाली । वृंदावन से झरिया पधारे स्वामी यशोदा नंदन की महाराज जी आए है सिंघल परिवार के सदस्य झरिया के गणमान्य
लोग बाजा बाजा के साथ कलश यात्रा में शामिल थे।
कलश शोभा यात्रा में शामिल महिलाएं राजस्थानी परिधान पहन माथे पर कलश लिए हुए थी जबकि पुरुष पीला कुर्ता वस्त्र धारण किए हुए थे।
वृंदावन से झरिया पहुंचे स्वामी यशोदा नंदन जी महाराज ने ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन श्रीमद् भागवत कथा महात्मा के बारे में भक्तो को बताया। उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत पुराण सभी शास्त्रों का सार है। जब वेदों के संकलन और महाभारत, पुराणों की रचना के बाद भी ब्यास जी को शांति नही मिली तो उनके गुरु नारद मुनि ने उन्हें श्रीमद भागवत पुराण लिखने को प्रेरित किया। यह श्री वेदव्यासजी की आखिरी रचना है और इस कारण पूर्व के सारे रचनाओं का निचोड़ है। कथा प्रसंग के दौरान स्वामी यशोदा नंदन जी ने राजा परीक्षित के प्रसंग से भक्तों को अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे भगवान सुकदेव ने कथा अमृत पिलाकर उन्हें मृत्यु के भय से मुक्त कर दिया था।
स्वामी जी अनेक सुंदर प्रसंग का वर्णन कर कथा मंडप में भक्ति की गंगा बहाते रहे।