राजेश दुबे की रिपोर्ट
हजारीबाग । लगातार पलायन की भेंट चढ़ता जा रहा है झारखंड का प्रवासी मजदूर। प्रवासी मजदूरों के मौत का सिलसिला जारी है। मृत्यु के बाद सरकार से शव लाने की गुहार लगाई जा रही है।झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। झारखंड के बोकारो, हजारीबाग एवं गिरिडीह जिले में एक के बाद एक लगातार हो रही प्रवासी मजदूरों की मौत का शिलशिला थम नहीं रहा हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड से महाराष्ट्र कमाने गये हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ प्रखंड के भेलवारा निवासी गांगो महतो के 37 वर्षीय पुत्र चिंतामन महतो की महाराष्ट्र के चालीसगांव में 220 पोल में काम के दौरान करंट लगने से मौत हो गयी।मौत की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया।मृतक चिंतामन महतो घर का एकलौता कमाऊ व्यक्ति था।
वह अपने पीछे पत्नी सुनिता देवी और बेटी कबीया भारती(17)को अपने पीछे छोड़ गया।वहीं इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हितार्थ कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा है किरोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है।हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है। प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले से रोजी कमाने गये लोगों की है।झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समाने की यह पहली घटना नहीं है।इससे पहले भी कई मजदूरों की मौत हो चुकी है।सरकार मजदूर हित में कुछ पहल नहीं कर रही है और झारखंड से मजदूरों का पलायन तेजी से हो रहा है।
