रामावतार स्वर्णकार
हजारीबाग । सहायक आचार्य नियुक्ति का विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद और राज्य सरकार के हिटलर शाही निर कुशलता से क्षुब्ध होकर तमाम टेट पास सहायक अध्यापकों में असंतोष और आक्रोश की भावना उत्पन्न हो गई है और अब हेमंत सोरेन से दो-दो हाथ करने का वक्त आ गया है। टेट संगठन लगातार अपनी वेतनमान की मांगों को सरकार तक पहुंचाते रहे, लेकिन बीच में ही सहायक आचार्य नियुक्ति आ जाने के कारण पुनः झारखंड राज्य टेट सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रदेश कमेटी ने सभी जिलों से विचार विमर्श के बाद टेट पास को तत्काल वेतनमान मिले और त्रुटिपूर्ण सहायक आचार नियुक्ति विज्ञापन में आवश्यक संशोधन हेतु निर्णय लिया गया कि आगामी विधानसभा सत्र के दौरान 31 जुलाई से नया विधानसभा के समक्ष अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठा जाएगा।

जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी। माननीय मुख्यमंत्री ने दर्जनों चुनावी सभा में कहा था कि झामुमो की सरकार आई तो 3 महीने के अंदर सभी पारा शिक्षकों को वेतनमान दूंगा। सरकार बने 4 वर्ष बीतने को है अभी तक मुख्यमंत्री जी नींद में ही सो रहे हैं। अभी भी वक्त है सरकार अपने वायदे पर खरा उतरे। उपरोक्त बातें टेट पास समन्वय समिति के प्रदेश सदस्य सह टेट पास संघर्ष मोर्चा के प्रदेश महासचिव संजय मेहता ने कही। कहा कि प्रदेश समन्वय समिति के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि मांग पुरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। अगर हेमंत सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इस दौरान समन्वय समिति के द्वारा सभी पांच प्रमंडल में प्रदेश की टीम को नियुक्त किया गया है।

प्रत्येक प्रमंडल में 4 पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है। और सभी को जिम्मा दिया गया है कि आंदोलन की तैयारी जोर शोर से किया जाए। इस बार की लड़ाई सड़क से सदन तक चलेगी सभी सहायक अध्यापक इसकी तैयारी पुरजोर तरीके से कर लें।

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