रामावतार स्वर्णकार
हजारीबाग/ ईचाक । मंदिरों की नगरी इचाक की पहचान आज देश भर में जाना जाता है। इचाक प्रखंड में कई पौराणिक मंदिर, सुंदर तालाब और बाग बगीचे हैं जो टूरिस्ट्स को अपनी ओर आकर्षित करते दिखा है। रामगढ़ राज्य की राजधानी कहा जाने वाला इचाक के मंदिरों की पहचान इतिहास के पन्नों में दर्ज है ऐसे ही मंदिरों और मूर्तियों का अवलोकन करने पीएचडी की छात्रा शाशी एहलावत रिसर्च के लिए इचाक पहुंची।
जिसमें बुढ़िया माता मंदिर, बनसटांड़, छोटा अखाड़ा, भगवती मठ समेत कई मंदिरों एवं उनके मूर्तियों का अवलोकन किया। इस दौरान नालंदा से पीएचडी की छात्रा एहलावत ने बताया कि पौराणिक मंदिर एवं मूर्तियों को रिसर्च किया जा रहा। जिसमे प्राचीन मंदिरों एवं मूर्तियों का अवलोकन कर विषय वार में दर्शाया जाएगा। क्षेत्र के कई पौराणिक मंदिरों को निरीक्षण कर यह देखा जा रहा है कि शिल्पकार और मूर्ति की प्रतिमा में खर्च करने वाले व्यक्तियों का इतिहास निकालकर उस प्रतिमा के पास उन्हें भी अंकन करने की बात सामने आई है।
मौके पर लक्ष्य नव युवक संघ के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने विभिन्न मंदिरों एवं पौराणिक मूर्तियों को दिखाया एवं इतिहास से अवगत कराया।
