धनबाद । शहर के भेलाटांड़ में शुक्रवार को भोक्ता पर्व (चड़क पूजा) पर मेले का आयोजन किया गया। वहां आस्था और हैरतअंगेज करतब का मेल देखने को मिला। महतो, खटीक, रवानी, आदिवासी समेत अन्य समाज के भोक्ता पीठ, छाती और जीभ में लोहे की कील चुभोकर अपने आराध्य भगवान शिव को खुश करते नजर आए।
कई फीट ऊंची लकड़ी के खंभे से झूल कर भगवान शिव को नमन किया। सुबह में पुराना बाजार रत्नेश्वर मंदिर में भगवान शिव की विधिवत पूजा की गई। इसके बाद मनईटांड़ शिव मंदिर में व्रती के शरीर पर कील लगायी गई। इस दौरान पूरा इलाका भगवान शिव की आराधना में लीन रहा। ढोल और नगाड़े की थाप पर भक्त झूमते दिखे। दोपहर तीन बजे के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
वही भेलाटांड़ बस्ती में भोक्ता मेले का आयोजन किया गया। हजारों की संख्या में लोग भोक्ता पर्व देखने के लिए पहुंचे। व्रती शरीर पर लोहे की कील लगाकार भक्ती में नाचते-गाते दिखे। पारंपरिक रूप से पर्व मनाया गया। व्रतियों में सुबह से उत्साह देखा गया। कील लगाने के बाद उनका उत्साह दोगुना हो गया। नाचते-गाते भक्तों ने भगवान शिव की पूजा की। मेले में लोग विभिन्न व्यंजनों के चटकारे लेते दिखे।