निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । समाज सुधारिका और कुशल प्रशासिका अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती जामताड़ा के गुरुकुल परिसर में हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह और उपाध्यक्ष बबीता झा उपस्थित रहीं। दोनों ने अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और उनके महान कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित जनसमूह को प्रेरित किया। कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत ढंग से हुई, जहाँ सर्वप्रथम अहिल्याबाई होल्कर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों, विद्यालय के आचार्यों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने एक स्वर में ‘जय अहिल्या’ के उद्घोष के साथ अपने सम्मान को प्रकट किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास की एक ऐसी नारी थीं जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी धैर्य, नीतिपूर्ण शासन और सामाजिक न्याय का मार्ग चुना। उन्होंने विधवाओं के पुनर्विवाह को सामाजिक स्वीकृति दिलाई, धार्मिक स्थलों का निर्माण कराया और जनता के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं प्रारंभ कीं। आरती सिंह ने कहा, “अहिल्याबाई का जीवन आज की नारी के लिए एक प्रेरणास्रोत है। वे बताती हैं कि एक महिला भी समाज और शासन दोनों में श्रेष्ठ नेतृत्व दे सकती है।”
वहीं, भाजपा उपाध्यक्ष बबीता झा ने भी अहिल्याबाई के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका शासनकाल एक आदर्श था। उन्होंने न्यायप्रियता, करुणा और सेवा भावना के साथ राज्य का संचालन किया।
उनके कार्य न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रेरणादायक हैं। बबीता झा ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अहिल्याबाई के विचारों को अपनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं। इस अवसर पर गुरुकुल के विद्यार्थियों द्वारा अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें उनके शासन, समाज सुधार और धार्मिक सहिष्णुता को दर्शाया गया। दर्शकों ने इस प्रस्तुति की सराहना करते हुए जोरदार तालियों के साथ कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।।कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें आयोजकों ने अतिथियों की उपस्थिति और उनके विचारों के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही यह संकल्प लिया गया कि हर वर्ष अहिल्याबाई होल्कर की जयंती को इसी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरणा ले सके।
इस आयोजन ने न सिर्फ इतिहास की एक महान महिला को याद किया, बल्कि समाज में नारी सशक्तिकरण, नेतृत्व और सामाजिक न्याय के संदेश को भी बल दिया। अहिल्याबाई होल्कर का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा।
