निशिकान्त मिस्त्री
जामताड़ा । दामोदर वेली वास्तुहारा मजदूर संघर्ष समिति के द्वारा आज सदर प्रखंड के लाधना पंचायत में समिति के सदस्यों ने डी वी सी के विरोध में काला दिवस मनाया। संघर्ष समिति के सदस्यों ने एक बैठक कर चिंतन मंथन किया। 7 जुलाई 1948 को डी वी सी निर्माण के लिए जिले के 10 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया था। जिसके लिए डी वी सी को डेम से सटे विस्थापित इलाकों में मुफ्त पीने का पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में विस्थापितों को नौकरी देने की बात थी।
लेकिन 74 वर्ष बितजाने के बाद भी आज तक डी वी सी ने किसी प्रकार की सुविधा विस्थापित लोगों नही दिया। इन सुविधाओं को लेकर संघर्ष समिति वर्षों से डी वी सी माँग करती आरही। लेकिन आज एक भी सुविधा ग्रामीणों को नही दिया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष रोबिन मिर्धा ने बताया की आज हमलोगों ने एक चिंतन शिविर का आयोजन किया है। आज ही के दिन डी वी सी डेम का स्थापना हुआ था। इस डेम की स्थापना के लिए 10 हजार हेक्टेयर जे अधिक जमीन अधिग्रहण किया था। जो आदिवासी बहुल इलाका है।
विस्थापित इलाकों में मुफ्त पीने का पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में विस्थापितों को नौकरी देने की बात थी। साथ ही साथ प्रत्येक वर्ष दो गाँव को गोद लेने की भी बात हुई थी, लेकिन जो सुविधाये देने की बात हुई थी उसमें से एक भी सुविधा जामताड़ा जिले में किसी को नही मिला। वहीं धनबाद जिले और पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में सभी सुविधाएं उपलब्ध है। हमलोगों का माँग है इन सुविधाओं पर विचार कर विस्थापित ग्रामीणों को सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
