पति के शव घर पहुंचते ही दहाड़ मार कर रो पड़ी गर्भवती पत्नी

रामावतार स्वर्णकार
इचाक: थाना क्षेत्र के कुरहा गांव निवासी योगेन्द्र शर्मा (उम्र 36 वर्ष) पिता दसई ठाकुर की दर्दनाक मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची कि मृतक के घर समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया। मृतक योगेन्द्र हजारीबाग शहर से बोकारो बारात गया था।लौटने के क्रम में गिरिडीह के निमियाघाट थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 पर हादसा हुई। घटना सोमवार अहले सुबह चार बजे के आसपास घटी। बताया जा रहा है कि योगेंद्र ड्राइवर था। जो अपनी गाड़ी को बुक में भेजता था। उसकी गाड़ी अचानक खराब हो गई। जिस कारण शहर से किसी दूसरी गाड़ी को लेकर बारात अटेंड करने गया था। अंदेशा लगाया जा रहा है कि झपकी आने के बाद चालक योगेंद्र ने वाहन से अपना संतुलन खो दिया और कार ने सड़क किनारे खड़े किसी बड़े वाहन से जा टकराया। धटना के समय कार में चार अन्य युवक सवार थे जो घटना में बुरी कार तरह घायल हो गए। जानकारी के अनुसार कार काफी स्पीड में था जिसमें कार के परखच्चे उड़ गए। निमियाघाट पुलिस के मुताबिक गैस कटर की मदद से स्टेरिंग के बीच फंसे योगेंद्र समेत चार अन्य घायलों को निकला जा सका। इसके बाद घायलों को गिरिडीह सदर अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया। जहां से सभी को रांची रेफर किया गया है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इचाक पुलिस द्वारा मृतक के घर जोगेंद्र के हादसे में मौत की खबर परिजनों को मिला। खबर मिलते ही गर्भवती पत्नी अंकु देवी, मां मंजू देवी और 3 वर्षीय पुत्र लड्डू कुमार, छोटे भाई रोहित कुमार के दहाड़ से माहौल गमगीन हो गया। जोगेंद्र के संभला भाई सऊदी अरब में रहता है जिसे घटना की सूचना दे दी गई है। जोगेंद्र चार भाइयों में दूसरा था। उसके बड़े भाई बबलू शर्मा की मौत भी चार माह पूर्व हदारी पेट्रोल पंप के पास सड़क दुर्घटना में हो गया था। चार माह बाद आंगन से दूसरे भाई के अर्थी निकलते देख हर किसी की आंखें नम हो गई। योगेंद्र के पिता की मौत बीमारी के कारण पहले हो चुका है।योगेंद्र संघर्षशील युवक था जो बिजनेस व्यापार कर सभी परिवार के सदस्यों को एक साथ मिल कर चल रहा था। जोगेंद्र के शव घर पहुंचते ही गांव वालों की भीड़ लग गई। मृतक का अग्नि संस्कार देर शाम कुरहा शमशान घाट में किया गया। मुखाग्नि तीन वर्षीय पुत्र लड्डू कुमार ने दी।दुधमुंहे बच्चे को जवान पिता को मुखाग्नि देते देख मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। घटना को लेकर हर कोई नियति को कोस रहे थे। शव यात्रा में मुखिया प्रतिनिधि राकेश कुमार मेहता, पूर्व मुखिया नागेश्वर प्रसाद मेहता, भुवनेश्वर प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद मेहता, लिलो प्रसाद मेहता, गोविंद प्रसाद मेहता, मुनेंद्र प्रसाद मेहता, करू साब के अलावा नाई समाज के कई लोग शामिल हुए।

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