निशिकान्त मिस्त्री
जामताड़ा । अमर शहीद डी एस पी प्रमोद कुमार की 14 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। प्रमोद कुमार के पैतृक आवास मिहिजाम में पूजा पाठ कर बहुत ही सादगी से उनकी पुण्यतिथि परिजनों ने मनाई। वहीं डाकबंगला स्थित प्रमोद कुमार के प्रतिमा स्थल पर स्थानीय लोगों द्वारा भी उनकी पुण्यतिथि मनाई। बताते चलें की प्रत्येक वर्ष उनकी पुण्यतिथि बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है। जिसमें जिले के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक के साथ साथ अन्य पुलिस व प्रशासन के पदाधिकारी उनके आवास आकर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
वर्ष 2008 में 30 जून को रांची जिला के बुंडू अनुमंडल में एस डी पी ओ के पद में पदस्थापित थे। जहां एक बड़े लूट कांड का उद्भेदन के लिये ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे थे। ताकि जल्द से जल्द लूट कांड के आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का उद्भेदन कर सके। इसी दौरान बुंडू के एक जंगल से गुजर रहे थे। तभी सड़क के बीचों बीच नक्सलियों द्वारा बारुदी सुरंग बिछाकर रखे थे, उसी दौरान उनकी वाहन वहाँ से पार हुआ और एक जोरदार विस्फ़ोट हुआ जिसमें वाहन के परखच्चे उड़ गये जिसमें प्रमोद कुमार शाहिद हो गये।
युवाओं को गर्व होता है की उनके शहर में ऐसे वीर सपूत ने जन्म लिया जो अपने कार्यो से पीछे नहीं हटे और अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापेमारी करते रहे। यहाँ के युवा ङी एस पी प्रमोद कुमार को अपने आदर्श मानते हैं और उनके जैसा कर्मठ, ईमानदार व कार्य के प्रति समर्पित पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं। वहीं प्रमोद कुमार के ज्येष्ट भैय्या डॉ एल एन प्रसाद, भाभी मंजू देवी, मंझले भैय्या शिव शंकर प्रसाद, भाभी सबनम देवी, भतीजा डॉ मनीष कुमार, अनिमेष कुमार व शुभम कुमार प्रमोद कुमार को अपने बीच न पाकर बहुत ही दुःखी होते हैं।
आँखों में आसूं बताते हैं दर्द आजतक भरा नही है। शहीद की भाभी मंजू देवी ने कहा की जीवन भर हमलोगों को दुःख रहेगा कि प्रमोद कुमार हमारे बीच नही है। लेकिन गर्व भी होता है की देश व राज्य के सेवा के लिए उन्होंने अपनी सर्वोच्च बलिदान दिया है।