सेरेब्रल पाल्सी में सुधार हेतु नियमित फिजियोथेरेपी कराना जरूरी
सेरेब्रल पाल्सी के दिव्यांग बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है फिजियोथेरेपी
झरिया । आधुनिकता की होड़ और असंयमित जीवन शैली के बीच बच्चों में होने वाली दिव्यांगता में सेरेब्रल पाल्सी की अधिकता देखी जा रही है । गर्भावस्था के दौरान, जन्म के समय या जन्म के बाद मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव या आघात के कारण बच्चे सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हो जाते हैं। इसे सी पी के नाम से जाना जाता है । बच्चे बोलने,समझने, बैठने,चलने में असमर्थ हो जाते हैं । सेरेब्रल पालसी के बच्चों में शारीरिक परेशानी के साथ-साथ दौरा का पड़ना, आखों की परेशानी, सुनने की परेशानी, बोलने में परेशानी, विकास का समुचित न होना, व्यवहार कुशलता में कमी, खाने व खिलाने की समस्या, शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता का कम होना जैसी बहुत सारी परेशानियाँ हो सकती है परिजनों को तब समझ में आता है जब उनकी हरकत असामान्य हो जाती है । समय से शुरू कर नियमित फिजियोथेरेपी किया जाए तो सेरेब्रल पाल्सी के बच्चों में सुधार संभव है । उक्त बातें समावेशी शिक्षा के झरिया रिसोर्स सेंटर के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह ने कहा । सोमवार को रिसोर्स सेंटर में सहायक सामग्री के उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया ।
डॉ मनोज ने कहा कि फिजियोथेरेपी ऐसे दिव्यांग बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है । सेरेब्रल पालसी के इलाज में उम्र के शुरूआत दौर में फिजियोथेरेपी की विशेष तकनीक न्यूरोडेवलपमेन्टल थेरेपी, सेन्सरी इन्टीग्रेशन, और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कसरत कराने की जरूरत होती है । राजग्राउंड स्थित रिसोर्स सेंटर में झरिया प्रखंड के 3 से 18 वर्ष के दिव्यांग बच्चों का पुनर्वास का कार्य निःशुल्क होता है । बस जरूरत है पूरी लगन के साथ बच्चों को यहां लाने की ताकि फिजियोथेरेपी चिकित्सा प्रदान की जा सके ।
स्पेशल एजुकेटर अखलाक अहमद ने कहा कि परिजन अपने दिव्यांग बच्चों को नजदीक के सरकारी विद्यालय में नामांकन कराएं ताकि बच्चों तक पहुंच बनाया जा सके । यदि उनके जानकारी में कोई दिव्यांग बच्चा हो तो इसकी सूचना रिसोर्स सेंटर को जरूर दें ।
मौके पर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ मनोज सिंह, स्पेशल एजुकेटर अखलाक अहमद, कृष्णा पांडेय, सीमा देवी, श्रृष्टि कुमारी, निशा कुमारी, अयान, तन्नू कुमारी,शिवम कुमार,अली हसन,रवि किशन, प्रिंस कुमार,संजीत कुमार, प्रमोद कुमार, आदि उपस्थित थे।