अबुआ आवास के लाभूक का जांच करें, सच्चाई सामने आ जाएगी – पंसस प्रतिनिधि

रामावतार स्वर्णकार
इचाक । अबूआ आवास आवंटन को लेकर प्रखंड के पुराना इचाक पंचायत में दो पंचायत प्रतिनिधियों के बीच चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुराना इचाक पंचायत में अबुआ आवास के आबंटन में हो रही धांधली और बीएफटी नीतू कुमारी द्वारा आवास के नाम पर अवैध वसुली के खिलाफ़ मुखिया प्रतिनिधि रंजित कुमार द्वारा मंगलवार को दर्जनों ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त एक आवेदन बीडीओ सन्तोष कुमार को देकर जांच की मांग की गई थीं। इसके आलोक में बुधवार को मुखिया किरण देवी भी अपने सैकडो समर्थकों के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंची और दर्जनों ग्रामीण का हस्ताक्षर युक्त आवेदन बीडीओ सन्तोष कुमार को दिया। आवेदन में लिखा गया है कि बीएफटी नीतू कुमारी पर अबुआ आवास के लिए अवैध वसुली का लगाया गया आरोप बिलकुल निराधार और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। मुखिया किरण देवी ने कहा कि पंसस प्रतिनिधि रंजित कुमार परिवार वाद की भावना से ग्रसित हैं। पंचायत प्रतिनिधि होने के बावजूद जनता की समस्या उन्हें दिखाई नहीं देती। उन्होने ब्लॉक में अपना रौब दिखाकर अपना, अपनी मां पंसस सरस्वती देवी, दादी समेत 8 परिजनों के नाम अबुआ आवास का जियो टैग कराया है। इसके आलावा पीएचडी विभाग से पंचायत को मिलने वाले 5 चापानल में से एक चापानल उन्होंने अपने निजी घर में लगाया है। जो जांच का विषय है। आवास के लिए अभी तक हमारे पंचायत में लाभुक का चयन भी नहीं हुआ है। हम अपने पंचायत में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से योग्य लाभुक का चयन कर उन्हे योजना का लाभ देते हैं।

क्या कहते हैं पंसस प्रतिनिधि

पंसस प्रतिनिधि रंजित कुमार ने कहा कि पंचायत में पिछले सत्र में मिले अबुआ आवास के लाभूक की जांच करें तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी। अबुआ आवास का लाभुक अयोग्य और संपन्न हैं। पंचायत में सिर्फ चहेते लोगों को मिलता है सरकारी योजनाओं का लाभ। बीएफटी द्वारा वसुली का साक्ष्य जल्द सामने आएगा।

बीडीओ सन्तोष कुमार ने कहा कि पंचायत में आवास विहीन अथवा मिट्टी के जर्जर मकान वाले योग्य लाभुक को ही आवास हेतू प्रथमिकता देना है। प्रखण्ड समन्वयक पूर्णिमा कुमारी ने कहा कि अगर अयोग्य लाभुक योजना का लाभ लेते हैं तो उनसे रिकवरी का प्रावधान है। साथ हीं बीएफटी और पंचायत सचिव पर कारवाई होगी। आवेदन सौंपने वालों में मुखिया प्रतिनिधि रविशंकर उर्फ भोला, आशीष सोनी, दीपक कुमार, विपिन कुमार सिंह, रामप्रवेश सिंह, गीता देवी, चम्पा देवी, सुमित्रा देवी, सुरेश राम, सकीना खातून, शीला देवी, बेबी देवी, गुलनाज बेगम, बसंती देवी, कौशल्या देवी, सुनिता देवी, कृष्णा ठाकुर, गुड़िया देवी, सरोज देवी, ममता देवी, रेहाना खातून भरत सिंह, रौनक सबा, विनय कुमार गिरि, सुखदेव सोनी, सुधीर गिरी, दिनेश कुमार, दुखन राम, तुलसी राम, मो.मसूद आलम, शंकर मेहता, विजय गिरी समेत सैकडों ग्रामीण मौजूद थे।

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