निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । रविवार स्थानीय सरस्वती मंदिर में सुबह 5:30 से बजे प्रशिक्षक राजेंद्र गोराई के साथ संस्था के तमाम सदस्यों ने एकत्रित होकर योग, प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया किया। तथा संध्या में प्रशिक्षक द्वारा गुरु पूजन सत्संग एवं फुल मून मेडिटेशन कराया गया।
आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक राजेंद्र गोराई ने कहा कि गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि- गुरु होते हैं परम दिव्य ज्ञान के स्रोत, जिनके सिमरन और सानिध्य मात्र से मिलता है ज्ञान, कटते हैं कर्म बंधन, तथा मिलती है भाव बंधन से मुक्ति।
जामताड़ा आर्ट ऑफ़ लिविंग समन्वयक ब्यूरो ऑफ़ कम्युनिकेशन के विजय भगत ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर जामताड़ा आर्ट ऑफ लिविंग परिवार ने पूरे भक्ति भाव और गुरुमय के साथ सुबह- सुबह हैप्पीनेस सेंटर पहुंचकर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के चित्र में फूल,माला एवं धूप- दीप जलाकर गुरु के प्रति अपने भाव को अर्पित कर सामूहिक योग, प्राणायाम, और सुदर्शन क्रिया किया। तथा शाम में गुरु पूजन के साथ गुरु भजन और पूर्णिमा ध्यान कराया गया।
आर्ट ऑफ लिविंग जामताड़ा के वैदिक धर्म संस्थान प्रमुख अरुण चौधरी ने के द्वारा कहा गया कि- भारतीय संस्कृति में गुरु और शिष्य परंपरा का विशेष महत्व है, यह परंपरा सदियों से ऐसे ही चली आ रही है। व्यक्ति के जीवन को सही मार्ग में ले जाने के लिए एक सही गुरु का होना बेहद जरूरी है। गुरु के बिना किसी भी व्यक्ति का कोई मूल्य नहीं है। आज के गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम में शहर के करीब 50 साधकों ने शामिल हुआ एवं एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम मुख्य रूप से उपस्थित सक्रिय सदस्य में रीता घोष, शोभा डालमिया, अंजू भगत, कंचन सिंह, वर्षा कश्यप, विवेक सिंह, उषा किरण सिंह, हिंदु प्रभा, रीना द्विवेदी, अशोक बर्मन, विवेक सिन्हा, शत्रुघन यादव, रश्मि अग्रवाल, झुमा गॉन आदि ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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