रामावतार स्वर्णकार
इचाक । सोते समय बंद कमरे में जलती आग की बोरसी या हीटर का उपयोग जानलेवा है। यह बातें सिझुआ हाई स्कूल में शुक्रवार को हुए डीऑक्सिनेशन विचार गोष्ठी में छात्र-छात्राओं को जागरुक करते हुए मेहता हॉस्पिटल के निर्देशक डॉ आरसी प्रसाद मेहता ने कही। उन्होने स्कूल कॉलेज के छात्रों से आह्वान किया कि छात्र अपने घरों में घुटनकारी कोयले की बोरसी और हीटर का प्रयोग बंद करने का अभियान चलावे । इसके के कारण दम घुटने से सैकड़ो का मौत देश में देश में होता है। इचाक के सरजू महतो, मंगर राम 2021 में रोमी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता रिंकू खान पत्नी बच्चे समेत मौत समेत बोरसी से दम घुटने से सैकड़ो मौतें हुई है।

कहा कि रिंकू खान के मौत के बाद हजारीबाग के सिरसी की घटना से लोगों को सीखने की जरूरत है। बोरसी, हीटर से कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। बंद कमरे में जब बोरसी जलता है तो कमरे के अंदर मौजूद ऑक्सीजन कम हो जाती है। तथा कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ जाती है। ऑक्सीजन के कमी से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। जिससे लोग अचेत अवस्था में चले जाते हैं। ज्यादा देर तक बन्द कमरे में रहने से मौत हो जाती है। विचार गोष्ठी में स्कूल प्रधानाध्यापिका प्रियंका कुमारी, चंद्रधारी प्रसाद, खेमलाल राणा, प्रदीप कुमार, सुबोध कुमार, इंद्रदेव मेहता, बालेश्वर मेहता, समीर अंसारी, ज्योति कुमारी, अमित पांडे, कृष्णदेव यादव, सहदेव मेहता समेत हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने विचार गोष्ठी में लोगों को जागरूक करने का शपथ लिए।

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