छठ मां की कृपा से होती है मुराद पूरी : सरजू मेहता
रामावतार स्वर्णकार
इचाक । प्रखंड के मोकतमा गांव निवासी जन वितरण प्रणाली के दुकानदार 70 वर्षीय सरजू मेहता पिछ्ले 38 वर्षों से छठ व्रतियों के बीच पारण के दौरान निशुल्क चीनी का वितरण करते आ रहे हैं। मोकतमा गांव में लगभग 200 घर है। सभी ग्रामीण छठ पूजा करने के लिए गांव से लगभग 2 किमी दूर मोकतमा के घने जंगल और मनोरम वादियों के बीच स्थित नदी के किनारे बने छठ घाट पर जाते हैं। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के उपरान्त जब व्रति वापस लौटते हैं तो सड़क किनारे साइकिल पर चीनी का थैला लेकर वे व्रतियों का इंतजार करते नजर आते हैं। फिर बारी बारी से बड़े उत्साह से व्रतियों को व्रत खोलते के लिए चीनी बांटते हैं। और उनका आशीर्वाद लेते हैं।
उन्होने बताया कि वर्ष 1985 में मुझे जनवितरण प्रणाली का दूकान चलाने का लाईसेंस मिला था। उस दौर में चीनी सिर्फ जन वितरण प्रणाली के दूकान पर ही मिलता था। तब व्रती पारंपरिक गुड़ का पाना बनाकर व्रत खोलते थे। तभी मैंने छठ माता के आशीर्वाद से व्रतियों के बीच चीनी का वितरण किया। और धीरे धीरे यह मेरे जीवन का सिलसिला बन गया। उन्होने बताया कि 36 घण्टे के निर्जला उपवास के उपरान्त व्रती जब शर्बत पीकर व्रत खोलेंगे तो निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद मुझे मिलेगा। छठ महापर्व एक ऐसा पर्व है जिसका परिणाम शीघ्र मिलता है। इस महापर्व में लोग फल, फूल, दूध, दही, नारियल समेत कई पूजा सामग्री वितरण करते हैं। जो समाजिक सौहार्द के लिए एक अच्छा और अनोखा प्रयास है। इससे लोगों के बीच नफरतें और बढ़ती दूरियां कम होती है। हमें पुण्य तो मिलता ही है, समाजिक और पारिवारिक सौहार्द भी बढ़ता है।
