रामावतार स्वर्णकार
इचाक । रांची के मोरहाबादी स्थित आर्मी ग्राउंड में जेसोवा द्वारा आयोजित पांच दिवसीय दीपावाली मेले में करियतपुर ब्रास मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के बैनर तले करियातपुर में बने कांसा और पित्तल के बर्तनों का भी स्टॉल लगाया गया है। वहीं संस्था जेएसएलपीएस ने भी ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित वस्तुओं के स्टॉल में करियातपुर में बने तांबा और पीतल के बर्तनों को प्राथमिकता दी है। जो काफ़ी चर्चा का विषय है। स्टॉल में कार्यरत आर्टिजन के कुशल कारीगर रिंकू देवी, मिथिलेश कुमार, उपेंद्र कुमार समेत अन्य कारीगर कुशलता के साथ बड़ी बारीकी से लोगो को क्लस्टर में बने एक एक सामानों की खूबी बता रहें हैं। करियातपुर ब्रास मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के निदेशक विनय कुमार ने बताया कि आईएएस शशि रंजन समेत मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, रांची और ज़िला उद्योग केन्द्र से जुड़े कई वरीय पदाधिकारियों की सहायता से मेले में स्टॉल लगाया गया है।

हमारा लक्ष्य अपने घरों में निर्मित वस्तुओं का प्रदर्शन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना है। बताते चलें कि जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर इचाक प्रखंड के करियातपुर गांव में कसेरा समाज द्वारा सदियों से बर्तन निर्माण एक प्रमुख व्यावसायिक परम्परा रही है। गांव के लगभग हर कसेरा परिवार के घरों में बर्तन का निर्माण किया जाता है। यहां पर निर्मित वस्तुओं की मांग बिहार, पाश्चिम बंगाल, उड़ीसा, यूपी, एमपी समेत देश के कई राज्यों में है। बहरहाल केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से करोड़ों रुपए की लागत से गांव में क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है। जहां पर सामूहिक रूप से बड़े पैमाने पर बर्तन निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

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