धनबाद । जिले के निरसा-टुंडी सीमा पर शनिवार की सुबह एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी दल-बल के साथ बालू तस्करों के खिलाफ छापेमारी और कार्रवाई करने पहुंचे। जहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। वही देखते ही देखते गांव के ग्रामीण इकट्ठा हो गए। जिसके बाद एसडीएम और अन्य अधिकारी को बंधक बना लिया गया। घटना की सूचना पाकर जिला प्रशासन सकते में आ गई। आनन-फानन में मुख्यालय के कई फोन घनघना उठे। जिसके बाद जिला पुलिस ने मोर्चा संभाला और हरकत में आई।

काफी मशक्कत के बाद जिला पुलिस एसडीएम तथा अन्य अधिकारी को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर निकालने में कामयाब हुए। वहीं छापेमारी में एक भी बालू तस्कर और वाहन को जप्त नहीं किया जा सका। मालूम हो कि बालू के अवैध उठाव की सूचना पर शनिवार की सुबह एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी एवं खनन विभाग की टीम ने पांड्राबेजरा पंचायत के पोलकेरा स्थित बराकर नदी घाट पर छापेमारी की। छापेमारी की सूचना मिलते ही पोलकेरा गांव के ग्रामीण छापेमारी करने पहुंचे टीम के सदस्यों को लगभग आधे घंटे से ज्यादा समय तक गांव से बाहर नहीं निकलने दिया।

बाद में अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर वहां से निकलने में सफल रहे। हालांकि छापेमारी के दौरान बजरा बालू घाट से गाडियां नहीं मिली। संभवतः छापेमारी की भनक पूर्व में ही धंधेबाजों को लग गई थी, जिस कारण बालू निकालने के कार्य में लगे नाव किनारे पर बंधे हुए देखे गए। परंतु छापेमारी टीम को नदी किनारे भारी मात्रा में अवैध बालू का जमाव दिख। जैसे ही प्रशासन की टीम पोलकेरा गांव पहुंची सौ से भी अधिक ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों के काफिले को गांव में ही घेर लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव के रास्ते के बांस बल्ली आदि देकर जाम कर दिया।

सड़क पर महिलाओं और बच्चे भी जमे हुए थे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए अधिकारियों ने पुलिस बल से संपर्क किया लगभग एक घंटे के बाद पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंच। जिसके बाद ग्रामीणों को समझा-बुझाकर प्रशासनिक अधिकारियों को गांव से निकालने में सफलता प्राप्त की। छापेमारी दल में निरसा सीओ नितिन शिवम गुप्ता, पूर्वी टुंडी सीओ एवं अन्य अधिकारी शामिल थे।

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