झरिया ।। झरिया के ऐतिहासिक दशेर मेला सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति की ओर से आयोजित होने वाली वासंतीय दुर्गा पूजा के 50 वर्ष पूरे हो गए. जानकारी देते हुए वर्तमान कमेटी के अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सन् 1973 में यहां वासंतीय दुर्गा पूजा की शुरूआत हुई थी. लाल बाबा, वरूण चन्द्र मोदक, महावीर अग्रवाल, गोपाल सेन, भगवती अग्रवाल, सत्यनारायण दे, हराधन दास के संयुक्त प्रयासों से पूजा प्रारंभ हुई थी. तारापदो बनर्जी संस्थापक पुरोहित थे. पंडित तारापदो बनर्जी के ज्येष्ठ सुपुत्र दयामय बनर्जी वर्तमान में मंदिर के पुरोहित की भूमिका निभा रहे हैं.
कमेटी सदस्यों ने बताया कि 1973, 1974 व 1975 तक मां की तस्वीर लगाकर पूजा की जाती थी. 1976 ई. से प्रतिमा पूजन प्रारंभ हुआ. उल्लेखनीय है कि श्री श्री दशेर मेला अमलापाड़ा दुर्गा मंदिर झरिया के ऐतिहासिक दुर्गा मंडपों मे शुमार है, जहां 350 वर्षों से शारदीय नवरात्र पूजन का आयोजन होता आ रहा है.
इस मन्दिर को झरिया की छोटी दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था के केंद्र है. जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना मां के समक्ष रखते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती हवासंतीय चैती दुर्गा पूजा को सुचारू ढंस से सम्पन्न करान में जगन्नाथ मोदक, सुभाष दत्ता अभिषेक अग्रवाल, हराधन दास, गणेश धीवर, लालटी बक्शी, मिट्ठू दत्ता आदि की अहम भूमिका रहती है.
