रामावतार स्वर्णकार
इचाक: जीएम संध्याकालीन महाविद्यालय के भूगोल सेमेस्टर छ: के विद्यार्थियों के बौध्दिक एवं मानसिक विकास के लिए शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। कॉलेज के सचिव शंभू कुमार ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया। भ्रमण का मुख्य उद्देश्य पर्यटन का पर्यावरण पर प्रभाव का अध्ययन करना था। शैक्षणिक भ्रमण में विद्यार्थियों को झारखंड के नेतरहाट के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया गया, साथ में बच्चों को पर्यटन का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव से अवगत कराया गया। तथा पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी जानकारी दी गई। विभागीय शिक्षक प्रो.दीपेंद्र कुमार ने कहा कि प्लास्टिक मिट्टी की उर्वरता को समाप्त करती है एवं लम्बे समय तक विषैली गैस उत्सर्जित करती रहती है। इसीलिए प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए। प्रो. रियाज ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण वायु, जल, भूमि या पारिस्थितिकी तंत्र की गुणवत्ता को बनाए रखकर प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने का अभ्यास है।

मनुष्य का अपने पर्यावरण पर जो प्रभाव पड़ता है, वह पर्यावरण के लिए समस्याएँ पैदा करता है। पर्यावरण संरक्षण का प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक जगत के स्वास्थ्य को बनाए रखना है, जिसमें मत्स्य, पर्यावास और जैव विविधता शामिल है। इसका द्वितीय उद्देश्य पदार्थ और ऊर्जा का संरक्षण करना है, जिसकी प्राकृतिक जगत को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। शैक्षणिक भ्रमण में नकुल कुमार, राम कुमार, विकास कुमार, आकाश कुमार, रितिक कुमार, काजल कुमारी, सोमिया कुमारी, लिलि कुमारी, मनीषा कुमारी, रौशन कुमार, पूजा कुमारी के आलावा बहुत सारे विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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