निशिकान्त मिस्त्री
जामताड़ा । जैन धर्म का महापर्व पर्युषण का आज पांचवा दिन है। आज भगवान महावीर जो दुनिया को जिओ और जीने दो का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर है। हमारे जैसे समस्त जीवो को प्रकृति में जीने का अधिकार है। लेकिन आज के मानव समाज राक्षस बन गए है बकरी, मछली जैसे जीवों को काट के खाने के सोचते है और त और भगवान के नाम पर भी जीवो को काटने लगे सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए हमारे भारत जैसे पबित्र देश को अपवित्र बना रहे है। हमारे भारत तो पहले से ही महापुरुषो का देश माना जाता है। जहाँ गांधी जी ने भी अहिंशा परमो धर्म कहा था।
हमे अब नया शुरुवात करना होगा और सभी को महावीर के कथन जिओ और जीने दो के मार्ग पर चलना होगा ।इसी खुशी में सालकुंडा नगर के जैन मंदिर में आज महावीरस्वामी भगवान का जन्म वांचन बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। स्थानीय-निवासी ने बताया कि जैन धर्म का अर्थ है जीतने वाला जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी तन मन वाणी को जीत लिया और विशिष्ट आत्मज्ञान को पाकर पूर्णज्ञान प्राप्त किया अर्थात जो भी अपने मन को जीत लिया वही जैन कहलाते है जिनके मन में की लोभ पाप न हो मनुष्य को दूसरे जीवों के प्रति प्रेम भावना रखना चाहिए । जन्म वांचन के शुभ अवसर पर मन्दिरजी के मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान एवं श्री महावीरस्वामी भगवान की आंगी बनाई गई। समस्त सराक भाइयो ने जन्म वांचन की मन्दिर में एक दुसरे को बधाई दी और सभी बालिका मंडल और उत्तम माजी,वरुण माजी, निरंजन माजी, काजल माजी, विनापानी माजी,कौशिक, राज आदि गाँव वासी शामिल हुए।