निशिकान्त मिस्त्री
जामताड़ा । आज सुभाष चौक के समीप चैती दुर्गा मंदिर परिसर में जन संघर्ष मंच की ओर से एक बैठक किया गया। बैठक की अध्यक्षता पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बिरेंद्र मंडल ने किया। बैठक मे रेलवे द्वारा अनाधिकृत रूप से बी क्लास ज़मीन में बने घरों और दुकानों का खाली करने का जो निर्देश दिया गया हैं। उसका एकसुर में विरोध करने के लिए भारी संख्या में नगरवासी एकत्रित हुए। मौके में उपस्थित बीरेन्द्र मंडल ने कहा की रेलवे के तरफ से जो अवैध तरीके से नोटिस जारी कर लोगों को बी क्लास जमीन से हटने का जो फरमान जारी किया गया हैं वह नियम के विरुद्ध हैं।
उन्होंने लैंड एक्विजिशन नियम का हवाला देते हुए कहा की जब ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा रेलवे का परिचालन शुरू किया जा रहा था ,उस समय रेलवे परिचालन कार्य से संबंधित अन्य कार्यों जैसे समान रखने,पार्किंग इत्यादि के लिए ए क्लास जमीन के साथ बी क्लास जमीन का सशर्त अधिगृहित किया गया था की रेलवे परिचालन कार्य पूरा हो जाने के बाद रैयतधारी को जमीन वापस कर दिया जाएगा। जब रेलवे का परिचालन कार्य पूर्ण हो गया तब रेलवे के माध्यम से डिस्ट्रिक कलेक्टर को जमीन वापस कर दी गई। जिस जमीन को डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने अपने विवेक से नतून पर्चा कर इस जमीन को नए रैयतधारियो के बीच जमीन का बंटवारा कर दिया गया।
उन्होंने एसपीटी एक्ट का हवाला देते हुए कहा की स्पष्ट रूप एसपीटी एक्ट में यह उल्लेख हैं की बी क्लास जमीन रेलवे की जमीन नहीं हैं अगर बी क्लास जमीन रेलवे की हैं तो गैंजर रिपोर्ट यह कैसे आया की बी क्लास जमीन रेलवे की नहीं हैं ,यह पूर्ण बसौडी कार्य के लिए इस जमीन का उपयोग किया जाएगा। किसी भी सरकारी परियोजना के जब भी रैयतधारी की जमीन सरकार के द्वारा अधिगृहीत की जाती हैं तो रैयतधारियों को भुअर्जन अधिकारी के माध्यम से उचित मुवावजा दिया जाता हैं तथा साथ ही नियम संगत कई बार अधिसूचना जारी कर नोटिस दिया जाता हैं ना की फरमान जारी किया जाता है।
बैठक में मोजूद लोगों ने अपनी जमीन से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज पेश किया। बीरेन्द्र मंडल ने कहा की जामताड़ा वासियों की इस जनसमस्या को लेकर रेलवे डीआरएम से मिलकर बात करेंगे,किसी भी कीमत पर रैयतधारियों की अपनी जमीन को खाली नहीं करेंगे अगर हमारी मांगो को नहीं माना जायेगा तो लोकतांत्रिक तरीके से जामताड़ा वासी रेलवे के खिलाफ आंदोलन करेंगे और यह आरपार की लड़ाई होगी। इस बैठक में सैकडो की संख्या में जामताड़ा वासी के साथ रैयतधारी शामिल हुए ।
