निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । गांधी मैदान में सरदार महासभा एवं सिद्धो कान्हू मुर्मू विकास समिति की ओर से विश्व आदिवासी दिवस समारोह सादगी से मनाया गया। जहां कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर उनके प्रति अद्धांजलि अर्पित की। वहीं कार्यक्रम में आदिवासियों के हित और विकास पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही झारखंड के प्रणेता, सर्वमान्य नेता एवं अंतिम पंक्ति में व्यक्ति की आवाज बनने वाले जननायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन को केंद्र सरकार से भारत रत्न दिए जाने की मांग की। बता दें कि कार्यक्रम में जामताड़ा जिला सहित संथाल
परगना के विभिन्न जिलों से भी लोग शामिल हुए। पूरा गांधी मैदान आदिवासी समाज के लोगों से भरा पड़ा था। आयोजनकर्ता आनंद टुडू ने कहा कि गुरु जी के निधन से हम लोगों को काफी गहरा सदमा लगा है। इसके वजह से सादगी पूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया है, क्योंकि हमारा यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। इस कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी के हितों में चर्चा की गई। विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि आदिवासियों के उत्थान के लिए और काम करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मांग की गई है कि गुरु जी को भारत रन की उपाधि से सम्मानित किया जाए ताकि अंतिम व्यक्ति के व्यक्तियों को सम्मान मिले कि उनकी आवाज बनने वाले जननायक को सरकार की ओर से सम्मान दिया गया है। वही उपायुक्त से उनकी आत्मकथा प्रतिमा एवं एक संग्रहालय बनवाने की मांग की गई है। वहीं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुनील कुमार बास्की ने कहा कि आदिवासियों की दशा और दिशा पर इस कार्यक्रम में मंथन किया गया है। और यह मांग की गई है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए। इसके लिए राष्ट्रपति एवं केंद्र सरकार से यह मांग उठी है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के विकास को लेकर अभी और काम करने की आवश्यकता है। वहीं आयोजक समिति के प्रो सुनील कुमार हांसदा ने कहा कि गुरु जी हमारे सर्वमान्य नेता थे। झारखंड आंदोलनकारी के रूप में उनकी एक अलग पहचान है। झारखंड को अलग राज्य बनाने में उन्होंने महती भूमिका निभाई है। इसलिए केंद्र सरकार एवं राष्ट्रपति से उन्हें भारत रन देने की मांग की गई है। साथ ही आदिवासियों की स्थिति को और सुधारने की बात कही। उन्होंने कहा कि आदिवासी में शिक्षा की कमी है इसलिए उन्हें शिक्षा से जोड़ने और नशे के मकर जाल से निकलने की आवश्यकता है। मौके पर आयोजक मंडली की अमिता टुडू, संजय पाहन सहित विभिन्न वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी।
