धनबाद । नवाचार को प्रोत्साहित करने, राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने और सूचना प्रौद्योगिकी समाधान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनन विद्यालय), धनबाद और भारतीय सेना के बीच आज एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह रणनीतिक साझेदारी शोध, सॉफ्टवेयर विकास, कार्यपालक प्रशिक्षण तथा विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगी।
यह समझौता एक वर्चुअल समारोह के माध्यम से IIT (ISM), धनबाद के कॉन्फ्रेंस हॉल में संपन्न हुआ। संस्थान की ओर से प्रो. सुकुमार मिश्रा, निदेशक; प्रो. एस.आर. समद्दर, एसोसिएट डीन (अनुसंधान एवं विकास); प्रो. चिरंजीव कुमार, अध्यक्ष, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग; तथा प्रो. धरावथ रमेश उपस्थित रहे। भारतीय सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कुमार सहनी, एवीएसएम, वीएसएम, पीएचडी, महानिदेशक; ब्रिगेडियर मनीष जोशी, आईटी ब्रिगेडियर; ब्रिगेडियर एन.पी. सिंह, कार्यवाहक एडीजी; कर्नल एस.पी. सिंह; लेफ्टिनेंट कर्नल जग्गेश्वर गौनीयाल; और लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक भगवानी, एसएम, ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित थे।
समझौते के प्रमुख उद्देश्य:
संयुक्त अनुसंधान एवं विकास: सॉफ्टवेयर विकास, परीक्षण एवं डेटा विज्ञान में सहयोगात्मक परियोजनाएं शुरू करना, जो रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करेंगी।
अकादमिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण: आईआईटी (आईएसएम) भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए डेटा साइंस, एआई, और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में विशेष सर्टिफिकेशन कार्यक्रम तैयार करेगा जो प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष या हाइब्रिड मोड में आयोजित किए जा सकते हैं।
छात्र सहभागिता: सीएसई एवं संबंधित क्षेत्रों के छात्रों को रक्षा आवश्यकताओं से जुड़े अनुसंधान और इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
संसाधन साझाकरण: दोनों संस्थान परियोजना निष्पादन हेतु आवश्यक आधारभूत संरचना जैसे प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय, आपसी नियमों के अंतर्गत साझा करेंगे।
प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र:
मानव-एआई सहयोग – कोड रिव्यू और अनुकूलन के लिए स्वचालित एआई मॉडल का विकास
अनुकूली यूजर इंटरफेस – उपयोगकर्ता व्यवहार के अनुसार सीखने और अनुकूल होने वाले एप्लिकेशन
उन्नत प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) – चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट की समझ क्षमता को सुदृढ़ बनाना
बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग – रणनीतिक निर्णयों के लिए बड़े डेटा का प्रबंधन और विश्लेषण
उत्तरदायित्व:
आईआईटी (आईएसएम): तकनीकी विशेषज्ञता, अकादमिक सहायता एवं आधारभूत ढांचा प्रदान करेगा। इंटर्नशिप हेतु चयनित छात्र .NET Core, Java, Python, C/C++, Angular एवं PHP जैसे विकास स्टैक्स में दक्ष होंगे।
भारतीय सेना: प्रशिक्षण हेतु अधिकारियों को नामित करेगी, परियोजनाओं के लिए फीडबैक देगी, आवश्यक आधारभूत संसाधन उपलब्ध कराएगी, तथा अनुसंधान निष्कर्षों का संयुक्त सत्यापन सुनिश्चित करेगी।
साझेदारी के लाभ:
यह समझौता एक दीर्घकालिक तकनीकी सहयोग का प्रतीक है, जो दोनों संस्थानों के बीच ज्ञान, तकनीक और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। यह न केवल रक्षा से जुड़ी चुनौतियों के लिए नवीनतम अकादमिक समाधान प्रस्तुत करेगा, बल्कि आईआईटी (आईएसएम) के शोध को राष्ट्रीय महत्व की वास्तविक समस्याओं से जोड़ने में भी सहायक सिद्ध होगा।
दोनों संस्थानों के बीच निरंतर संवाद और समयबद्ध परियोजना निष्पादन से नवाचार को निरंतर प्रोत्साहन मिलेगा तथा राष्ट्र की तकनीकी क्षमताओं को नई दिशा मिलेगी।
