झरिया । काले हीरे कि नगरी झरिया जो कि खुद एक धाम के नाम से जानी जाती है जिसमें हर महीने भक्ति के कुछ नए-नए कार्यक्रम किए जाते हैं। इसी कड़ी में दिनांक 8 सितंबर से 15 सितंबर तक नया अग्रवाल धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी गुरुवार को अग्रवाल धर्मशाला नया भवन में प्रेस वार्ता के दौरान श्री प्रेम प्रकाश अग्रवाल जी ने दी। श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन से पधार रहे परम पूज्य जय कृष्ण दास जी महाराज अपनी मधुर वाणी से श्री श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करेंगे।कार्यक्रम की शुरुआत 8 सितंबर को प्रातः 9:00 बजे कलश यात्रा के दौरान की जाएगी। कलश यात्रा लक्ष्मीनिया मोड़ स्थित रानी सती मंदिर से नगर भर्मण करते हुए अग्रवाल धर्मशाला पहुंचेगी कलश यात्रा मे महिला राजस्थानी वेशभूषा में रहेगी। भागवत कथा में हर दिन परम पूज्य श्री जय कृष्ण दास जी महाराज अलग-अलग चरित्र का वर्णन करेंगे और बड़ी सौभाग्य की बात है की परम आदरणीय पूज्य श्री जय किशन दास जी महाराज झरिया के पावन धरती में प्रथम बार इनका आगमन हो रहा है। आज के प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से प्रेम प्रकाश अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, महेंद्र अग्रवाल, ललित अग्रवाल, श्याम सुंदर अग्रवाल, अमित अग्रवाल, पिंटू अग्रवाल, सोनू अग्रवाल,कौशल अग्रवाल, अमित अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, आरव अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, दिनेश शर्मा,आदि लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम इस प्रकार से है ,,,,,,,

कलश यात्रा

08 सितम्बर 2024 सुबह 9:00 बजे से

प्रथम दिवस : 08.09.2024

श्रीमद् भागवत महात्म्य परीक्षित-चरित्र, वाराह अवतार कथा ।

  • द्वितीय दिवस : 09.09.2024

सृष्टि वर्णन, देवहुति-कर्दम चरित्र, स्वम्भुवमनु वंशवर्णन, श्री श्रीषभ देव चरित्र, श्री शिव चरित्र।

  • तृतीय दिवस : 10.09.2024

ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र, भूगोल वर्णण अजामिल चरित्र, श्री प्रहलाद चरित्र।

  • चतुर्थ दिवस : 11.09.2024

गजेन्द्र कथा, समुद्र मंथन, श्री वामन अवतार, श्री राम अवतार, श्री कृष्ण जन्मोत्सव ।

  • पंचम दिवस : 12.09.2024

पुतना उद्धार, माखन चोरी एवं बाल्य लीला, उलुखल बंधन श्री गोवर्धन पूजा, श्री रास लीला ।

  • षष्ठ दिवस : 13.09.2024

मथुरा गमन, उद्धव गोपी संवाद, श्री रूक्मिणी विवाह, सुदामा – चरित्र एवं श्री कृष्ण की शेष द्वारिका लीला ।

  • सप्तम दिवस : 14.09.2024

नव योगेश्वर संवाद, श्री कृष्ण का उद्धव को उपदेश, युदवंश संहार, श्री शुकदेव जी का अन्तिम उपदेश, श्री परीक्षित । का स्वगोरोहण आदि लीलाएँ

नियोक्ताकर्ता : ताराचंद नंदलाल देवकरण लाल दलौतावासी (परिवार)

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