राजेश दुबे की रिपोर्ट
विष्णुगढ़ । प्रखंड परिसर में संयुक्त वन अधिकार समिति की बैठक वार्ड सदस्य खरकी की बसंती देवी की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में मुख्य रूप से झारखण्ड सरकार द्वारा चलाए जा रहे अबोवा बीर दिसोम अभियान 2023 के तहत पिछले दिनों हुए ग्रामवार वन अधिकार समिति की पुनर्गठन को लेकर पंचायतवार समीक्षा किया गया। जिसमेें कई गांव में प्रावधान के विपरित समिति की गठन को लेकर असंतोष व्यक्त की गई। इस अवसर पर लंबित दावे को लेकर रणनीति तय किया गया, खरकी से उपस्थित मोतीराम मरांडी,चितरामो से सोहन हेमब्रॉम, छोटन टुडू भेलवारा से सोमर सोरेन आदि लोगों ने बैठक को संबोधित करते हुवे कहा कि 2018-19 से 2022 तक हमलोगों ने अपने अपने गांव का व्यक्तिगत तथा सामुदायिक अधिकार के लिए अनुमंडल स्तरीय समिति के समक्ष विधिवत दावे किए थे ।

लेकिन उसका आज तक अधिकार पत्र (पट्टा) नही मिल पाया। जब अनुमंडल में पूछते हैं तो वेरिफिकेशन के लिए अंचल को प्रेषित किए हैं का जवाब मिलता है। खरना पंचायत के ग्राम भंडेरी के वन अधिकार समिति अध्यक्ष सह एकता परिषद राष्ट्रीय सचिव चुनुलाल सोरेन ने कहा कि लंबित मामलों में केवल आप सबका गांव नहीं है। बल्कि पूरे जिले की समस्या है। हमारा खरना और गैड़ा पंचायत भी इससे अछूता नहीं है। जिसमें भंडेरी, गडरबारा, सबलाडीह, सामिल है। यह निर्णय लिया गया कि बाकी वन अधिकार समितियों को भी साथ जोड़ते हुए एक बार एसडीओ से लंबित दावों पर संवाद स्थापित करेंगे ।अगर सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। मैके पर जीतलाल मरांडी,बाबूलाल मरांडी, रितलाल हेमब्रोम, ब्रिजमुनी देवी, क्रमचंद हांसदा, हरिलाल मुर्मू, चुनुराम मरांडी, फूलचंद मरंडी के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।

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