धनबाद । अंधकार की ओर जाती युवा वर्ग की जिंदगी, गैजेट्स और सोशल मीडिया के चक्कर में दे रहे है जान. क्या हो गया है आज के युवा वर्ग को जो अपनी जान से ज्यादा मोबाइल, गैजेट्स या सोशल मीडिया को तवज्जो दे रहे हैं. बच्चे आजकल इन सब चीजों के चक्कर में भगवान समान अपने मां-बाप के बारे में भी नहीं सोच रहे हैं. कि उनके जाने के बाद उनके माता-पिता पर क्या बीतेगा. जबकि आने वाले नए भारत के लिए यह युवा वर्ग ही भविष्य है. मोबाइल नही मिला तो छात्रा ने दे दी जान. जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं, ऐसा ही एक हृदय विदारक और दुःखद घटना धनबाद जिले के पुटकी से सामने आया है. जहां मोबाइल की जिद में इंटर की छात्रा ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली. घरवालों ने उसे दो माह के भीतर मोबाईल फोन खरीद देने का भरोसा भी दिया था परन्तु किशोरी पर मोबाईल फोन का जूनून इस कदर चढ़ चुका था कि वह कुछ समझने को तैयार नही थी, उसने दो माह का इन्तेजार करने के बजाय गुस्से में आकर जहर खा ली. पुटकी निवासी लगभग 17 वर्षीय मृतिका गीता कुमारी के भाई बिजेंद्र गोप का कहना है कि उनकी बहन गीता इंटर की परीक्षा दे रही थी. 22 फ़रवरी को भी उसने परीक्षा दी. 23 तारीख से उसकी तबियत बिगड़ती चली गई. जिसके बाद उसे एसएनएमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बिजेंद्र ने बताया कि उनके पिता अनिल गोप राज मिस्त्री का काम करते है. हमलोग गरीब परिवार से आनेवाले लोग हैं. गीता ने मोबाईल फोन की फरमाइस की थी. तुरंत उसे मोबाईल फोन खरीदकर देना हमलोगों के बस में नहीं था. फिर भी दो माह के भीतर फोन खरीद देने का भरोसा भी दिया थापर वह नहीं मानी और उसने कब जहर खाया घर वालों को कुछ भी पता नहीं चला. उसकी तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर के पास ले जाया गया. ठीक होने पर 22 फ़रवरी को वह परीक्षा भी दी पर वापस से 23 फ़रवरी से तबियत बिगड़ने लगी.

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