निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । जिले में मुस्लिम समाज ने शब-ए-बरात को बड़े अकीदत और श्रद्धा के साथ मनाया। इस रात को इबादत की रात माना जाता है, जिसमें विशेष रूप से अल्लाह से गुनाहों की माफी और रहमत की दुआ की जाती है। शहरभर में मस्जिदों में शब-ए-बरात के मौके पर विशेष नमाज अदा की गई और कुरान की तिलावत की गई। मुस्लिम समुदाय ने रातभर इबादत की और खुदा से माफी की दुआ की। इस दौरान महिलाएं अपने घरों में हलवा और अन्य पकवान तैयार करतीं रहीं, जिन्हें रिश्तेदारों और गरीबों के बीच बांटा गया। शब-ए-बरात का महत्व इस कारण से भी है क्योंकि यह रमजान से पहले मगफिरत का महीना होता है।

इस रात को लोग अपने पूर्वजों को याद करते हुए इमाम से फातिहा भी कराते हैं ताकि उनके लिए सवाब भेजा जा सके। जामताड़ा की पाकडीह और सरखेलडीह जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अख्तर रजा ने बताया कि इस रात का मुख्य उद्देश्य अल्लाह से अपनी गल्तियों की माफी प्राप्त करना और उसकी रहमत की दुआ करना है। यह रात मुस्लिम समाज के लिए एक भव्य और आस्था से भरी रात रही, जिसमें सभी ने अपने गुनाहों से तौबा की और इबादत का दौर जारी रखा।

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