एक माह से बंद है धान का ऑनलाइन क्रय
बिचौलिए काट रहे चांदी
रामावतार स्वर्णकार
इचाक । प्रखंड में पैक्स और एफपीओ के माध्यम से धान का क्रय लगभग एक माह से बंद है। जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं। किसान बार बार पैक्स का चक्कर लगाते अब थक गए हैं। गरीब और मजबूर किसान अब बिचौलियों के हाथों अपनी खून पसीने की उपज को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। और झारखंड सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार ने इस वर्ष किसानो से 100 रुपए बोनस सहित 2400 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया था। और बिचौलियों से बचने के लिए किसानो के धान ऑनलाइन खरीद के तुरंत बाद राशि का आधा भुगतान करने का भरोसा भी दिलाया था। इसके लिए गत 15 दिसंबर को प्रखंड में 8 धान अधिप्राप्ति केंद्र का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के बाद तीन चार दिन तक पोर्टल के माध्यम से विभिन्न पैक्स और एफपीओ में लगभग 16000 क्विंटल धान की खरीद की गई। उसके बाद सरकार के ई उपार्जन पोर्टल पर धान की खरीद न होने से पैक्स और एफपीओ ने धान लेने से मना कर दिया। जिसके बाद किसान अपने उपज की कीमत न मिलने से काफी परेशान हैं। दूसरी तरफ इससे बिचौलियों की चांदी कट रही है। बिचौलिए किसानो के घर से औने पौने दाम देकर धान ले जा रहे हैं।
क्या कहते हैं पैक्स संचालक
अलौंजाखुर्द पैक्स अध्यक्ष कंचन मेहता, इचाक व्यापार मंडल के अध्यक्ष जागेश्वर मेहता, ग्रीन एग्रो के अशोक मेहता, देवकुली पैक्स के गिरधारी कुशवाहा, रतन पुर पैक्स के पंकज कुमार ने बताया कि उद्घाटन के मात्र तीन चार दिन तक पोर्टल काम करता रहा। जिससे प्रखंड में अभी तक लगभग 16000 क्विंटल धान की खरीददारी की गई है। लेकिन राइस मिल द्वारा धान का अभी तक उठाव नही किया गया है। जिसके कारण पूरा पैक्स धान से भरा पड़ा है। दूसरी बात पिछले एक माह से पोर्टल से धान की खरीददारी भी नही हो पा रही है। ये सरकार की गलत नीति है। हमने सरकार से वेयर हाउस (धान भंडारण केंद्र) की मांग की है। अगर सरकार धान भंडारण के लिए वेयर हाउस उपलब्ध करा दे और पोर्टल को पुनः चालू कर दे तो किसानो के उपज का पूरा मूल्य किसानो तक पहुंच सकता है। बताते चलें कि झारखंड सरकार ने इस वर्ष 6 लाख मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तो रखा है लेकिन धान के भंडारण और ऑनलाइन खरीद के लिए सही नीति नहीं बनाई गई है। जिसका खामियाजा गरीब किसानो को भुगतना पड़ रहा है।