निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । 27 सितंबर को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी कुमुद सहाय की अध्यक्षता में प्रथम त्रैमासिक जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति (डीएलसीसी/डीएलआरसी) की बैठक आहूत की गई।
बैठक में सीडी रेश्यो (ऋण/जमा अनुपात), वार्षिक ऋण योजना, वार्षिक ऋण योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 की उपलब्धियों की समीक्षा, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, डिजिटल जिला की प्रगति, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएमएफएमई, पीएम स्वनिधि, विभिन्न ऋण में एनपीए की समीक्षा, सामाजिक सुरक्षा योजना की समीक्षा, पीएम जन धन योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा भेजे ऋण आवेदन एवं स्वीकृति की समीक्षा सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा किया।


बैठक में समीक्षा के दौरान उपायुक्त कुमुद सहाय ने जिले में सभी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने जिले के शत प्रतिशत गांव/पंचायतों में जहां बैंक शाखा/ ग्राहक सेवा केंद्र तथा बैंकिंग सेवा उनके दायरे के पहुंच के बाहर है, वैसे स्थानों में बैंकिंग सेवा को सुदृढ़ करें। वहीं बैठक के दौरान उपायुक्त ने सीडी रेशियो ऋण जमा अनुपात की समीक्षा के दौरान विभिन्न बैंकों के सीडी रेश्यो कम रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बैंकों से सीडी रेश्यो को कम से कम 40 प्रतिशत करने का निर्देश दिया। वहीं बैंकों को अपनी भूमिका को समझ कर कार्य करने का निर्देश दिया।

वहीं समीक्षा के क्रम उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं आम लोगों तक सुलभ पहुंच के लिए बैंको को भूमिका काफी अहम हैं। ऐसे में बैंक अपनी भूमिका को समझें, संवेदनशीलता से कार्य करें।
आपलोग ग्राहकों से दोस्ताना व्यवहार करें, उन्हें दुत्कारें नहीं, यह काफी गंभीर विषय है। लोगों की परेशानी को समझें उनका निष्पादन करें। वहीं उन्होंने कहा कि जिला अंतर्गत संचालित योजनाओं में अपेक्षित प्रगति लाने हेतु संबंधित विभाग/कार्यालय से समन्वय बनाकर कार्य करें।

वहीं उपायुक्त ने कहा कि बैंकों के सकारात्मक सहयोग से समय पर सरकारी योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन किया जा सकता है। बैंकों की लापरवाही से योजना के पूर्णता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैंक योजनाओं के क्रियान्वयन में आवश्यक सहयोग करें।
वहीं उपायुक्त ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) अचीवमेंट की समीक्षा करते हुए संतोषप्रद उपलब्धि नहीं रहने पर कहा कि केसीसी किसानों के लिए आर्थिक सहायता की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, किसानों की समस्याओं को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने बैंको को संवेदनशीलता दिखाते हुए अपने स्तर पर कार्य करते हुए केसीसी ऋण से संबंधित जितने भी लंबित आवेदन हैं, उसका निष्पादन जल्द से जल्द करें। साथ ही कहा कि पीएम किसान से संबंधित लाभुकों को भी केसीसी का लाभ दें।
वहीं इस दौरान विभिन्न योजनाओं यथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में वहीं पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि में दोनो नगर निकायवार प्राप्त आवेदन एवं निष्पादित आवेदन की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिया।
वहीं एसबीआई आरसेटी के द्वारा बताया गया कि बेरोजगार युवक युवतियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के साथ साथ उन्हें स्वरोजगार हेतु बैंकों के द्वारा ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
वहीं उन्होंने एग्रीकल्चर, एमएसएमई, प्रायोरिटी एवं नॉन प्रायोरिटी सेक्टर में एसीपी उपलब्धि की समीक्षा में असंतोष प्रकट करते हुए गैप को ठीक करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
मौके पर एलडीओ, आरबीआई, डीपीएम जेएसएलपीएस, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी सहित सभी बैंक के जिला समन्वयक सहित अन्य संबंधित उपस्थित रहे।

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