निशिकांत मिस्त्री

जामताड़ा । बच्चों में कृमि संक्रमण के खतरे से बचाव हेतु झारखण्ड राज्य में 20 अप्रैल को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। सदर अस्पताल के सी एस डॉक्टर एस के मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि एन सी डी सी, भारत सरका के सर्वेक्षण के अनुसार झारखण्ड में 1 से 19 वर्ष के बच्चों में कृमि संकमण 43 प्रतिशत है। जिसके कारण राज्य में कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। राज्य का लक्ष्य है कि कृमि संक्रमण से राज्य को मुक्त करना तथा एनीमिया की रोकथाम करना उक्त के संदर्भ में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन 20 अप्रैल 2023 तथा मॉप-अप दिवस 25 अप्रैल 2023 को झारखण्ड राज्य के 16 जिलों में संपादित किया जाना है, जिसमें जामताड़ा जिला भी सम्मिलित है।

इस कार्यक्रम के तहत जामताड़ा जिला अंतर्गत चिन्हित 04 प्रखण्डों में सभी स्कूल एवं आंगनबाड़ी में 1 से 19 साल तक के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कृमि मुक्त किया जायेगा। अनुपस्थिति या बीमारी के कारण जिन बच्चों को 20 अप्रैल 2023 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कृमि नियंत्रण की दवाई नहीं खिलाई जा सकी, उन्हे 25 अप्रैल 2023 को मॉप अप दिवस पर कृमि मुक्त किया जायेगा। इस हेतु जिला अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 5 वर्ष के कुल 1,04,310 बच्चों एवं सरकारी / गैर सरकारी स्कूलों में 6 से 19 साल तक के कुल 2,84,546 बच्चों का लक्ष्य निर्धारित है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य झारखण्ड में सभी बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी स्थिति एवं विकास तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त करना है। आम तौर पर यह देखा गया है कि कृमि संक्रमण का बच्चों के स्वास्थ्य और उनके सम्पूर्ण विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है भारत में कृमि संक्रमण एक जन स्वास्थ्य के समस्या के रूप में उभर रहा है।

डब्ल्यू०एच०ओ० के अनुसार भारत में 1 से 14 साल तक की उम्र के 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा है। साथ ही डब्ल्यू०एच०ओ० की घोषणा के अनुसार विश्व में भारत उन देशों में से एक है, जहाँ कृमि संक्रमण और इससे संबंधित रोग सबसे अधिक पाये जाते हैं। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजोल दवा का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक एवं प्रभावी उपाय है, जो साक्ष्य आधारित और वैश्विक स्तर पर स्वीकृत है। कृमि नियंत्रण की दवा सभी के लिए सुरक्षित है, किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना प्रबंधन हेतु राज्य सरकार ने 104 (स्वास्थ्य हेल्प लाइन सेवा) तथा 108 एम्बुलेन्स) के साथ-साथ सभी प्रखण्ड / जिला में आपातकालीन चिकित्सा टीम भी तैयार रखा गया है।

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