निशिकांत मिस्त्री
जामताड़ा । जिला उत्पाद कार्यालय में घमासान मचा हुआ था। हो हल्ला इतना ज्यादा की कोर्ट कचहरी के लोग भी मौके पर पहुंच गए। पता चला कि जिलेभर में संचालित शराब के ठेकों को चलाने वाले मानदेय कर्मी अपने बकाया मानदेय भुगतान की मांग को लेकर हंगामा मचा रहे हैं। आपको बता दें कि जिलेभर में संचालित सभी 36 सरकारी शराब दुकानों में आर के मेन पावर सप्लाई कंपनी के द्वारा स्थानीय युवकों को बिक्री हेतु कम पर लगाया गया है। अभी इन कर्मचारियों का 2 महीने का वेतन बकाया है। शनिवार को जब कंपनी के प्रतिनिधि उत्पाद अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे तो इसकी जानकारी इन कर्मचारियों को मिल गई और देखते ही देखते सभी दुकानों के कर्मचारी एक साथ उत्पाद कार्यालय पर जमा हो गए।
कर्मचारियों का आक्रोश ऐसा था कि विभाग को अतिरिक्त सुरक्षा बल लगाने पड़े। मौके पर उपस्थित सुजीत प्रसाद, जय किशन, अमित मिश्रा, सनातन महतो, विश्वनाथ मंडल, अमित सिंह, सुधीर मंडल, उज्जवल मंडल, तपन मंडल आदि कर्मचारियों ने बताया कि अभी नई कंपनी का टेंडर होना है। कहा कि इससे पहले भी दो-दो बार तत्कालीन कंपनियों ने कार्य समाप्ति के उपरांत चार-चार महीने का मानदेय बिना दिये ही चंपत हो गया। चुंकि अभी फिर से नए टेंडर की प्रक्रिया होनी है इसलिए हमें डर है कि यह कंपनी भी हमारा बकाया मानदेय बिना दिए ही भाग जाएगा। कई घंटे तक गहमा गहमी के बाद दोनों पक्ष के बीच उत्पाद अधीक्षक कार्यालय में ही वार्ता हुई और फिर सहमति के बाद सभी अपने कार्य में वापस लौट गए। उत्पाद अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि हमारा सभी कर्मचारी एक परिवार की तरह है। हम सभी के साथ हैं, मैंने सभी को विश्वास दिलाया है कि उनका एक भी बकाया पैसा दिए बिना कंपनी यहां से नहीं जाएगी। कंपनी के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों को आगामी पांच तारीख तक एक महीने के भुगतान का भरोसा दिलाया।