झरिया । झारखंड के धनबाद जिला के झरिया, सिंदरी, भौंरा, बोकारो समेत विभिन्न क्षेत्रों से 60 लोगों से लगभग एक अरब रुपये के वाहन खरीदवा कर गुजरात के वडोदरा ले जाने व ठगी करने मामले में झरिया पुलिस ने मुंबई से मुख्य आरोपी नथानी तरुण अशोक और उसके ड्राइवर ब्रजेश कुमार को गिरफ्तार कर झरिया लाई । मामले को लेकर पीड़ितों का कहना है कि गुजरात के वडोदरा की वैष्णवी ट्रांसपोर्ट नामक कंपनी के कुछ कर्मी दो साल पूर्व झरिया पहुंचे और यहां के लोगों को अपने जाल में फंसाने का खेल शुरू किया था । कर्मी द्वारा पीड़ित व्यक्तियों के नाम से जेसीबी, हाइवा, स्कॉर्पियो, इंनोवा, फॉर्च्यूनर, पिकअप वैन समेत विभिन्न कंपनी के लग्जरी वाहनों को शो रूम से खरीदवाया गया और वाहन को अपने ट्रांसपोर्ट कंपनी में चलवाने को कहा और लालच दिया की गाड़ी का मासिक किश्त कंपनी द्वारा तय समय पर दे दिया जाएगा साथ ही प्रति वाहन 25 से 50 हजार रुपये नगद एक मुश्त व प्रति महीने 5 हजार रुपये महीना खर्च के रूप में दिए जाएंगे । जिससे पीड़ित भी लालच में आ गए और वाहन देने वाले पीड़ितों की संख्या 1 से बढ़कर लगभग 60 तक पहुंच गई, जिन्होंने कुल 250 वाहन कंपनी को दे दिए । मामले को लेकर पीड़ित वाहन मालिकों ने झरिया थाना में शिकायत किया था और सिंदरी डीएसपी से मिलकर मामले को गंभीरता से लेने की गुहार लगाई थी । मामले की शिकायत मिलने के बाद दैनिक अखबार शुभम संदेश ने मामले को 31 जुलाई 2024 के अंक में प्रमुखता से छापा था ।

250 में से 2 वाहन झरिया थाना ला चुकी है पुलिस,,,,,,
आपको बता दे की झरिया पुलिस कुछ दिनों पूर्व ही भौंरा निवासी धीरज पांडे के नाम से निकाली गई एक एमजी हेक्टर वाहन और सिंदरी के पीड़ित के नाम से निकाली गई किया सेल्टोस वाहन को झरिया थाना पुलिस झरिया ला चुकी है, जिससे इन दो वाहनों के मालिकों ने राहत की सांस ली है ।

मुंबई के ठाणे थाना में पकड़े गए थे दोनों आरोपी, अजय सिंह, केस आईओ झरिया थाना,,,,,,
मामले को लेकर केस आईओ अजय सिंह ने बताया कि मुंबई में यह दोनों आरोपी किसी मामले में ठाणे थाना में पकड़े गए थे । इसके बाद मुंबई पुलिस ने झरिया थाने से संपर्क किया फिर हम लोगों ने न्यायालय से प्रक्रिया पूरी कर दोनों आरोपियों को मुंबई से झरिया लाया । वहीं इन दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती है और यह एक बड़ा नेटवर्क है, जिसका खुलासा जल्द किया जाएगा ।

फॉर्च्यूनर देने पर 50 हजार व स्कॉर्पियो देने पर मिलते थे 25 हजार एक मुश्त व 5 हजार रुपये प्रति महीने,,,,,,
कोई भी व्यक्ति यदि स्कॉर्पियो वाहन शोरूम से निकालकर देता था तो उसे कंपनी के कर्मी द्वारा 25 से 30 हजार रुपये नगद दिए जाते थे, वही इनोवा क्रिस्टा देने पर 35 – 40 हजार व फॉर्च्यूनर देने पर 40 – 50 हजार रुपये नगद दिए जाते थे । इसके साथ ही कंपनी के द्वारा प्रति वाहन 5 हजार रुपए महीने भी दिया जाता था । जिस लालच में आकर एक व्यक्ति ने वाहन देने की शुरुआत की और धीरे-धीरे यह आंकड़ा 60 लोगों के द्वारा 250 वाहन देने तक पहुंच गया ।

250 वाहन लेकर वैष्णवी ट्रांसपोर्ट कंपनी हुआ लापता,,,,,
वैष्णवी ट्रांसपोर्ट कंपनी ने लगभग 60 पीड़ितों से 250 वाहन लेकर हुए लापता, जिसमे जेसीबी 2, हाइवा 5, फॉर्चूनर 7, इंनोवा क्रिस्टा 10, बोलेरो 20, पिकप वैन 50, स्कॉर्पियो 40, महिंद्रा थार 10, किया सेलटोस 10, क्रेटा 8, बलेनो 8, वेणु 10, एक्सट 5, मारुति सुजुकी डीमी 3 वरना 3 समेत विभिन्न वाहन मिलाकर लगभग 250 वाहन पीड़ितों द्वारा कंपनी को दे दिए गए ।

ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मी देते थे वाहन लेने के लिए डाउन पेमेंन्ट,,,,,
शो रूम से वाहन लेने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनी के तरफ से किया जाता था डाउन पेमेंट, जिसके बाद बैंक का ईएमआई भरने की जिम्मेवारी ट्रांसपोर्ट कंपनी की होती थी ।

पिछले 4-5 महीने से कंपनी ने नही भरा वाहनों का ईएमआई,,,,
पीड़ित युवकों की माने तो कंपनी के द्वारा चार- पांच महीने से वाहनों के ईएमआई किस्त नहीं भरे गए है । जिसके कारण लगातार बैंकों से पीड़ितों को फोन आ रहे हैं और बैंक का ईएमआई भरने के लिए कहा जा रहा है साथ ही साथ ट्रांसपोर्ट कंपनी के द्वारा दिए गए सभी फोन नंबर स्विच्ड ऑफ हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *