रामावतार स्वर्णकार
इचाक । प्रखंड में शिक्षा का अलख जगाने वाले और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सच्चे प्रहरी वन बिहारी सिंह उर्फ बानो बाबू का निधन शनिवार को अहले सुबह अचानक हृदय गति रुक जाने से हो गई। उनका अन्तिम संस्कार परासी के सूर्य मंदिर के निकट स्थित मुक्तिधाम में किया गया। मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र शशिभूषण सिंह ने दिया। स्वर्गीय बिहारी सिंह अपने पीछे 4 बेटे व 1बेटी समेत भरा पड़ा परिवार छोड़ गए हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बटेश्वर प्रसाद मेहता ने उनके अकाश्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि स्व.वन बिहारी बाबू चार शिक्षक भाइयों में सबसे छोटे थे। उन्होंने शिक्षक के रुप में पहला योगदान मवि करियायपुर में दिया, जबकि मवि दारु से सेवा निवृत हुए। उनके पिता स्व. मकड़ ध्वज नारायन सिंह भी शिक्षक थे और उन्होंने इचाक प्रखंड में शिक्षा का अलख जगाने का काम किया।
पुण्य आत्मा की शांति के लिए लोगो ने ईश्वर से प्रार्थना किया। शव यात्रा में मुखिया अशोक कपरदार, भाजपा वरिष्ठ नेता उदय भान नारायण सिंह, उमेश प्रताप, सुमित कुमार मेहता, महंत विजयानंद दास, गोपाल पांडेय, सुभाष सोनी, संदीप सोनी, विक्की धवन, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता गण समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।