इचाक के डूमरौन गांव में दो समुदाय के बीच तकरार का मामला
रामावतार स्वर्णकार
हजारीबाग/इचाक । थाना क्षेत्र के डुमरौन गांव में राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय के मुख्य गेट पर बना मीनार और हिंदुस्तान चौक पर लगा भगवा ध्वज के लिए लोहे के पोल को हटाने के लिए दोनों समुदाय के बीच बनी आपसी सहमति पर एसडीएम लोकेश बारंगे ने फिलहाल रोक लगा दिया है। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है। बताते चलें कि 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन उक्त लोहे के पोल पर लाउडस्पीकर बांधने को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प, पथराव, आगजनी और तनाव हो गया । गांव में दोबारा शांति भंग ना हो इसके लिए 26 फरवरी से घटना स्थल पर एडिशनल एसपी विजय कुमार के निगरानी में प्रशिक्षु आईपीएस सह थाना प्रभारी श्रुति, इंस्पेक्टर शाहीद रजा, निवर्तमान वर्तमान थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह पुलिस जवान के साथ गांव में तैनात है। इस मामले में घटना के दूसरे दिन थाना परिसर में दोनों समुदाय के बीच शांति समिति की बैठक हुई । बैठक में दोनों समुदाय के गणमान्य लोगों के आपसी सहमति से गांव में बैठक कर विवाद को सुलझाने के लिए 33 सदस्यीय टीम गठित किया गया । शनिवार को डुमरौन पंचायत भवन में पंचायत के मुखिया चोहन महतो की अध्यक्षता में बैठक की गई। जिसमें मुस्लिम पक्ष के लोगों ने सरकारी विद्यालय के मुख्य गेट पर बना मीनार एवं हिंदू पक्ष के लोगों ने हिंदुस्तान चौक पर गड़ा लोहे के पोल को स्वेच्छा से हटाने और विवाद को सुलझाने पर आपसी सहमति बनी थी। इसी आधार पर रविवार को दोनों पक्षों से जिप अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता, उप प्रमुख सत्येंद्र कुमार मेहता, मुखिया चोहन महतो, पूर्व मुखिया अनिल मेहता मोहम्मद हकीक, अंजुमन के सदर मोहम्मद जुबेर की मौजूदगी में दोनों पक्षों से लिखित ले कर मीनार और लोहे की पॉल को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। मीनार को हटाने के लिए एक पक्ष के लोग मीनार पर चढ़ा हुआ था, वही पॉल को हटाने के लिए हिताची मशीन खड़ा था इसी बीच एसडीम लोकेश बारंगे घटनास्थल पर पहुंचे और और मीनार को तोड़ने पर रोक लगा दिया। कहा की जो आपसी सहमति बनी है उसकी जांच की जाएगी। इसके बाद गांव वाले दोनों पक्ष मिलकर हटा लेंगे तो किसी को आपत्ति नहीं होगी। एसडीएम के यह निर्णय से पुलिस बल एवं जनप्रतिनिधियों में नाराजगी देखा जा रहा है।